सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर पद के चुनाव के लिए शनिवार को नामांकन की अंतिम तिथि खत्म हो गयी है और इस दौरान किसी ने भी नामांकन का परचा दाखिल नहीं किया है. इससे स्वाभाविक तौर पर 16 जून को मेयर पद के लिए होने वाले चुनाव को ग्रहण लग गया है.
सिलीगुड़ी नगर निगम में मेयर पद के चुनाव के लिए पहले ही कांग्रेस तथा वाम मोरचा ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में नहीं उतारने का निर्णय लिया था. लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने इस संबंध में अपनी कोई रणनीति स्पष्ट नहीं की थी. इससे लग रहा था कि तृणमूल कांग्रेस अंतिम क्षण में अपने किसी उम्मीदवार को मैदान में उतार सकती है. इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के जिला स्तर के शीर्ष नेताओं की एक बैठक भी हुई थी. बैठक में राज्य कमेटी पर इस संबंध में निर्णय लेने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. लेकिन राज्य कमेटी द्वारा किसी भी तरह की कोई जानकारी तृणमूल के जिला नेतृत्व को नहीं दी गयी.
इससे स्वाभाविक तौर पर तृणमूल कांग्रेस ने भी अपनी तरफ से किसी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मेयर पद के चुनाव हेतु नामांकन के अंतिम तिथि तक किसी भी उम्मीदवार द्वारा नामांकन दाखिल नहीं किये जाने के बाद अब यहां प्रशासक की नियुक्ति तय है. राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा है कि अब सिलीगुड़ी नगर निगम के कमिश्नर सोनम वांग्दी भुटिया एक और रिपोर्ट राज्य सरकार के नगरपालिका विभाग को भेजेंगे. इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार के सामने दो ही निर्णय लेने का विकल्प रहेगा. पहला प्रशासक की नियुक्ति का और दूसरा सिलीगुड़ी नगर निगम के चुनाव का. इसमें प्रशासक की नियुक्ति का निर्णय ही राज्य सरकार करेगी. यह बात करीब-करीब तय है, क्योंकि सिलीगुड़ी नगर निगम की मियाद इसी साल अक्तूबर में खत्म होने वाली है.
राज्य सरकार एक साथ कई नगरपालिकाओं का चुनाव कराना चाहेगी. इस वर्ष ही कई नगरपालिकाओं की मियाद खत्म हो रही है.इस संबंध में कमिश्नर सोनम वांग्दी भुटिया ने कहा है कि वह सोमवार 16 जून को राज्य सरकार को इस संबंध में एक रिपोर्ट भेजेंगे.यहां उल्लेखनीय है कि 47 सदस्यीय सिलीगुड़ी नगर निगम में पहले कांग्रेस सत्ता पर काबिज थी. पिछले महीने कांगेस की मेयर गंगोत्री दत्ता ने अपने पद से दे दिया था. तब उन्होंने नगर निगम की बोर्ड भी भंग कर दी थी.
उसके बाद से ही यहां नगर निगम के भविष्य को लेकर तरह तरह के कयास लगाये जा रहे थे. सिलीगुड़ी नगर निगम के बोर्ड भंग होने से यहा की नागरिक सेवाएं प्रभावित हो रही है.