पीएफ बकाया भुगतान नहीं होने तक बड़े बागानों को मदद नहीं

जलपाईगुड़ी : भारतीय टी बोर्ड के पूर्वांचल क्षेत्रीय चेयरमैन ने स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी है कि जब तक बड़े चाय बागान श्रमिकों व कर्मचारियों के बकाया पीएफ का भुगतान नहीं करते हैं, तब तक उन्हें बोर्ड से किसी तरह की सब्सिडी या आर्थिक सहायता नहीं दी जायेगी. जलपाईगुड़ी चाय नीलाम केंद्र को खुलवाने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2018 4:49 AM
जलपाईगुड़ी : भारतीय टी बोर्ड के पूर्वांचल क्षेत्रीय चेयरमैन ने स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी है कि जब तक बड़े चाय बागान श्रमिकों व कर्मचारियों के बकाया पीएफ का भुगतान नहीं करते हैं, तब तक उन्हें बोर्ड से किसी तरह की सब्सिडी या आर्थिक सहायता नहीं दी जायेगी. जलपाईगुड़ी चाय नीलाम केंद्र को खुलवाने के लिए बुलायी गयी एक बैठक में शामिल होने के बाद गुरुवार को प्रेस को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय चेयरमैन अरुण कुमार राय ने यह बात कही.
भूटान की नदियों से आने वाले डोलोमाइट द्वारा चाय के पौधों को पहुंच रहे नुकसान के बारे में उन्होंने कहा कि हाल में गुवाहाटी में भारत-भूटान की संयुक्त निरीक्षण टीम गठित की गयी है. इस टीम के जरिये डोलोमाइट को नियंत्रित करने पर सहमति बनायी जायेगी.
चेयरमैन ने आरोप लगाया कि बड़े चाय बागान अपने पुराने शेड ट्री की जगह नये पेड़ नहीं लगा रहे हैं, जिससे चायपत्ती की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. ये बागान लघु चाय बागानों से चायपत्ती खरीदकर उन्हें कारखाने में तैयार कर रहे हैं. देश में उत्पादित चायपत्ती का 50 फीसदी लघु चाय बागानों से ही आता है. इनकी चायपत्ती की गुणवत्ता भी बेहतर हो रही है.
इसीलिए बोर्ड इनकी मदद कर रहा है. उन्होंने मयनागुड़ी जाकर राखालहाट और कावागार नामक लघु चाय किसानों के दो स्वनिर्भर दलों द्वारा तैयार दो बॉटलीफ फैक्ट्रियों के लिए दो करोड़ रुपये मंजूर किये.जलपाईगुड़ी चाय नीलाम केंद्र फिर से चालू करवाने के लिए उन्होंने लाइसेंस नवीकरण शुल्क पहले की तरह 500 रुपये करने का निर्देश दिया है.
उल्लेखनीय है कि नवीकरण के लिए 500 की जगह एक लाख 25 हजार रुपये शुल्क कर दिया गया था. उसके बाद से ही नीलाम केंद्र पिछले तीन साल से बंद है. उन्होंने समय से अधिक किसी गोदाम में चायपत्ती को रखने पर भी यह कहते हुए आपत्ति दर्ज करायी कि इससे चायपत्ती की गुणवत्ता कम होती है.
चेयरमैन अरुण कुमार राय ने बताया कि वे इसी माह की 22 तारीख को फिर सिलीगुड़ी आयेंगे. तब वे इन सभी विषयों पर चर्चा करेंगे. गुरुवार को आइटीपीए के सभागार में हुई बैठक में टी बोर्ड के रमेश कुजूर, चंद्रशेखर मित्रा और लघु चाय किसान समिति के सचिव विजय गोपाल चक्रवर्ती की भी मौजूदगी रही.

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