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प्रवासी पक्षियों से फूलबाड़ी इलाका गुलजार, शांत परिवेश पर मेहरबान हुए ‘विदेशी मेहमान’

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी से तकरीबन सात किमी दूर फूलबाड़ी महानंदा बैरेज विदेशी मेहमानों (प्रवासी पक्षियों) को भाने लगा है. बीते वर्ष से महानंदा बैरेज में इन विदेशी मेहमानों की संख्या में इजाफा होना शुरु हो गया है. वन्य-प्राणी प्रेमियों की एक संस्था हिमालयन नैचर एंड एडवेंचर फाउंडेशन (नैफ) के प्रतिनिधियों ने बीते वर्ष बैरेज में […]

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी से तकरीबन सात किमी दूर फूलबाड़ी महानंदा बैरेज विदेशी मेहमानों (प्रवासी पक्षियों) को भाने लगा है. बीते वर्ष से महानंदा बैरेज में इन विदेशी मेहमानों की संख्या में इजाफा होना शुरु हो गया है. वन्य-प्राणी प्रेमियों की एक संस्था हिमालयन नैचर एंड एडवेंचर फाउंडेशन (नैफ) के प्रतिनिधियों ने बीते वर्ष बैरेज में आये इन मेहमानों की संख्या को लेकर सर्वे किया था.
सर्वे में वर्ष 2017 के तुलना में 35 फीसदी अधिक प्रवासी पक्षियों के आने की पुष्टि हुई. संभावना है कि इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 50 फीसदी हो सकती है. इसी तरह शहर से तकरीबन 35 किमी दूर गाजलडोबा तीस्ता बैरेज में भी इन मेहमानों की संख्या में बीते वर्ष से इजाफा होने लगा है.
2017 की तुलना में इस साल संख्या में 35 फीसदी का इजाफा
फूलबाड़ी महानंदा बैरेज में आये विदेशी मेहमानों को छेड़छाड़ न करने के लिए बीते वर्ष से ऑप्टोपिक द्वारा चलाये जा रहे जागरुकता मुहिम को टॉलीवुड के चर्चित अभिनेता शास्वत चटर्जी ने भी काफी सराहा. शनिवार को जागरुकता सेमिनार में शास्वत भी शामिल हुए. सेमिनार में शास्वत ने पशु-पक्षियों व पर्यावरण के प्रति लगाव बढ़ाने और प्रवासी पक्षियों को कोई भी परेशान न करे, इसके लिए आगे आने का आह्वान किया.
संस्था के संयोजक दीपज्योति चक्रवर्ती, प्रदीप नाग, मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अचिंत गुप्त, बेलाकोवा रेंज के वन अधिकारी सह उत्तर बंगाल वन विभाग के टास्क फॉर्स प्रमुख संजय दत्त, तृणमूल कांग्रेस के नेता देवाशीष प्रमाणिक के अलावा फांसीदेवा थाना के पुलिस अधिकारी, बीडीओ, ग्राम पंचायत व अन्य पुलिस अधिकारी व वन विभाग के अधिकारियों ने भी बैरेज से मछली मारनेवाले मछुआरे व ग्रामीणों को इस मुहिम में आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया.
क्या है इजाफे की वजह
वन्य-प्राणी प्रेमी दीपज्योती चक्रवर्ती इन प्रवासी पक्षियों की संख्या में इजाफा की वजह लोगों में जगी जागरुकता को बताते हैं. उन्होंने बताया कि दिसंबर और जनवरी महीना पिकनिक का मौसम रहता है. इसी शीतकालीन मौसम में ही ये विदेशी मेहमान चार-पांच महीने तक यहां रहते हैं. नवंबर के शुरुआत से प्रवासी पक्षियों का यहां आना शुरु हो जाता है और फरवरी- मार्च महीने तक यहां बसेरा डालते हैं. इस दौरान पिकनिक करने से इन मेहमानों को परेशानी होती है.
पिकनिक के दौरान कान-फोंड़ू डीजे व म्यूजिक सिस्टम बजाते हैं और खूब हुड़दंग करते हैं. शोरगुल व भीड़-भड़ाकेसे इन पक्षियों को काफी तकलीफ होती है. इन्हें शांत माहौल ही पसंद आता है. बीते वर्ष से ऑप्टोपिक सिलीगुड़ी नामक एक अन्य वन्य-प्राणी प्रेमी संस्था ने शासन-प्रशासन व स्थानीय ग्रामीणों का सहयोग लेकर फूलबाड़ी महानंदा बैरेज में पिकनिक आयोजन पर पूरी तरह रोक लगवा दी.
इसी कारण से इस साल प्रवासी पक्षियों की संख्या में आशा से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई. श्री चक्रवर्ती ने बताया कि इसी तरह गाजलडोबा तीस्ता बैरेज में भी बीते वर्ष सरकार ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पिकनिक आयोजन पूरी तरह बंद करा दिया. अब प्रत्येक वर्ष दोनों ही जगहों पर पिकनिक पर रोक लगा दी गयी है.

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