आमआदमी की परेशानी से जरूरी आमदनी, रेड और ग्रीन लेन योजना पर फिरा पानी
सिलीगुड़ी : पूर्वोत्तर राज्यों प्रवेश द्वार होने के साथ सिलीगुड़ी शहर बढ़ा एक बड़ा व्यापारिक केंद्र भी है. इसकी भौगोलिक स्थिति की बात करें तो यह शहर तीन तरफ से अंतरराष्ट्रीय सीमाओं द्वारा घिरा है. पड़ोसी राज्यों से भी काफी लोग यहां आते हैं. जिसकी वजह से हर रोज यहां हजारों गाड़ियों की आवाजाही होती […]
सिलीगुड़ी : पूर्वोत्तर राज्यों प्रवेश द्वार होने के साथ सिलीगुड़ी शहर बढ़ा एक बड़ा व्यापारिक केंद्र भी है. इसकी भौगोलिक स्थिति की बात करें तो यह शहर तीन तरफ से अंतरराष्ट्रीय सीमाओं द्वारा घिरा है. पड़ोसी राज्यों से भी काफी लोग यहां आते हैं. जिसकी वजह से हर रोज यहां हजारों गाड़ियों की आवाजाही होती है. लेकिन कहते हैं ना जहां अच्छाई हो तो बुराई भी है.
सिलीगुड़ी शहर भी इससे अछूता नहीं है. तमाम अच्छाइयों के बाद भी इस शहर में कई बुराईयां भी हैं. इन्हीं मे से एक है ट्रैफिक जाम की समस्या. शहरवासी तेजी से बढ़ रही जाम की समस्या से काफी परेशान हैं. लोगों का तो यहां तक कहना है कि शहर में जिस तरीके से जाम की समस्या बढ़ रही हैं, इससे आने वाले समय में शहर के अस्तित्व को खतरा हो सकता है.
सड़के दिन पर दिन सिकुड़ती जा रही हैं. जबकि वाहनों तथा नागरियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है . इसी कारण से जाम की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है. हांलाकि इस समस्या के पीछे कई कारण हैं.
लेकिन शहरवासियों का कहना है कि सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा चलाई जा रही जा रही पार्किंग के कारणा जाम की समस्या गहरा रही है. जबकि नगर निगम के डिप्टी मेयर ने आरोपों को सिरे खारिज करते हुए पूरा ठीकरा सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के ट्रैफिक विभाग पर फोड़ दिया है.
• सिलीगुड़ी के सेवक रोड, हिलकार्ट रोड को शहर का हृदय स्थल माना गया है.वहीं शहर को चारों तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग ने भी घेर रखा है. मुख्य सड़कों से राजमार्ग को जोड़ने का काम अन्य छोटे रास्ते करते है. मगर भारी जाम के कारण इन रास्तों पर लोगों का चलना मुश्किल हो गया है. इस समस्या पर जब कुछ लोगों से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी कोई खास बड़ा शहर नहीं है.
ऊपर से दिन पर दिन शहर की सड़कें छोटी होती जा रही है. हिलकार्ट रोड, वर्द्धमान रोड, सेवक रोड, चंपासारी मेन रोड पर हर वक्त जाम की स्थिति देखी जाती हैं. जहां गाड़ी तो दूर की बात, पैदल चलने में भी लोग डरने लगे हैं. ऐसे लोगों ने इस जाम के लिए नगर निगम द्वारा चलाई जा रही है पार्किंग व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि शहर के हिलकार्ट रोड, सेवक रोड जैसे तमाम मुख्य सड़कों पर रास्ते के दोनों किनारे नगर निगम द्वारा पार्किंग चलायी जाती है.
पार्किंग में हर रोज सैकड़ों गाड़ियां पार्क होती है. इसके चलते सड़कें संकुचित हो जाती है और जाम की समस्या और गहरी हो जाती है. इतना ही नहीं पार्किंग से गाड़ियों को निकालते या लगाते वक्त पार्किंग के कर्मी खुद ट्रैफिक पुलिस की भूमिका अदा करते हैं. पार्किंग जोन से चार चक्का वाहनों को निकालने के लिए रास्ते पर चल रही गाड़ियों को रोक दिया जाता है.
जिससे थोड़ी-थोड़ी देर के लिए ही सही, ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती हैं. ऐसा दिन में केवल एक या दो बार ही नहीं होता. बल्कि यह प्रक्रिया सैकड़ो बार दोहरायी जाती है. लोगों ने जल्द से जल्द प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की. लोगों का कहना है कि पार्किंग फीस के नाम पर नगर निगम को मोटी कमाई हो रही है.इसी कारण नगर निगम इसपर कोई खास तव्वजो नहीं दे रही है.
क्या कहना है डिप्टी मेयर का
सिलीगुड़ी नगर निगम के डिप्टी मेयर राम भजन महतो ने बताया है कि नगर निगम द्वारा कई वर्षों से सिलीगुड़ी शहर के मुख्य सड़कों के किनारे पार्किंग की व्यवस्था की जाती है. शुल्क देकर लोग गाड़ी पार्क कर सकते हैं. जिसे लेकर प्रत्येक वर्ष टेंडर भी निकाला जाता है.उन्होंने बताया कि अगर पार्किंग को लेकर समस्या होती है तो बीच-बीच में नगर निगम उसे बंद भी कर देती है. रही बात ट्रैफिक व्यवस्था की तो सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस की ट्रैफिक विभाग मनमाने ढंग से काम कर रही है.
डिप्टी मेयर का कहना है पिछले दिनों बिना योजना के ही ग्रीन जोन तथा रेड जोन बनाया गया था. इसके अलावा पुलिस कहती है कि शहर के मुख्य सड़कों पर टोटो गाड़ियों को चलने नहीं दिया जायेगा. लेकिन वापस से दूसरे ही दिन पुलिस की आंखों के सामने ही टोटो सड़कों पर आवाजाही करती है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दोपहर के वक्त महानंदा नदी से जंक्शन जाने के रास्ते गुरुंग बस्ती मोड़ इलाके में पुलिस द्वारा बड़े-बड़े बसों को सड़क के किनारे पता नहीं किस योजना के तहत रोककर रखा जाता है.
उन बसों को शाम के समय वहां से रवाना किया जाता है. जिससे जाम की समस्या और भयानक हो जाती है. श्री महतो के अनुसार पिछले दिनों नगर निगम की ओर से ट्रैफिक विभाग को एक प्रस्ताव भी दिया गया. जहां ड्यूटी आवर में शहर के कुछ रास्तों को वनवे करने की बात कही गई थी. ट्रैफिक विभाग ने नगर निगम के प्रस्ताव को टाल दिया. उन्होंने बताया कि अकेले नगर निगम कुछ नहीं कर सकती. जाम की समस्या से शहर के लोगों को निजात दिलाने के पुलिस को भी सहयोग करना पड़ेगा.