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दार्जिलिंग: पुल विजनबाड़ी ब्लॉक के विभाजन की मांग को लेकर पोस्टरबाजी

दार्जिलिंग : पुल विजनबाड़ी ब्लॉक के विभाजन की मांग करते हुये गोजमुमो विनय गुट के दार्जिलिंग महकमा समिति ने गुरुवार को शहर के चौक बाजार में पोस्टर चिपकाया. पिछले कुछ दिनों पहले शहर के एक होटल में गोजमुमो विनय गुट के केन्द्रीय कमेटी की बैठक आयोजित हुई थी. आयोजित बैठक में अन्य विषयों के साथ-साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2018 3:12 AM
दार्जिलिंग : पुल विजनबाड़ी ब्लॉक के विभाजन की मांग करते हुये गोजमुमो विनय गुट के दार्जिलिंग महकमा समिति ने गुरुवार को शहर के चौक बाजार में पोस्टर चिपकाया. पिछले कुछ दिनों पहले शहर के एक होटल में गोजमुमो विनय गुट के केन्द्रीय कमेटी की बैठक आयोजित हुई थी.
आयोजित बैठक में अन्य विषयों के साथ-साथ दार्जिलिंग के आठ ब्लॉकों का विभाजन कर 12 बनाने, पहाड़ में दो स्तरीय पंचायत चुनाव कराने आदि जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई. उसी आधार पर गोजमुमो विनय गुट के दार्जिलिंग महकमा समिति ने शहर के चौक बाजार की दीवार पर विजनबाड़ी ब्लॉक के विभाजन की मांग करते हुये पोस्टर चिपकाया है.
नेपाली भाषा में लिखे गये पोस्टर में कई सालों से पंचायत क्षेत्र में प्रशासनिक समस्या झेल रहे ब्लॉक का विभाजन करके उक्त क्षेत्र की जनता को न्याय देने की मांग की है.
इसी तरह से दूसरे पोस्टर में 23 ग्राम पंचायत वाले सबसे बड़ा विजनबाड़ी ब्लॉक का विभाजन करके उस क्षेत्र की जनता को न्याय देने की मांग की है. विजनबाड़ी ब्लॉक का विभाजन करने की मांग करते हुये बुधवार को गोजमुमो विनय गुट के पुल विजनबाड़ी समष्टि ने विजनबाड़ी के विभिन्न क्षेत्रों में पोस्टर चिपकाया था.
इधर, इसी संदर्भ में क्रामाकपा केन्द्रीय प्रवक्ता गोविन्द छेत्री ने बताया कि विगत 1996 में पहाड़ के माकपा कार्यकर्ताओं ने माकपा से विभाजन करके क्रामाकपा का गठन किया था.
इसके बाद सन् 1998 से क्रामाकपा ने दार्जिलिंग के आठ ब्लॉकों का विभाजन करके 24 बनाने और 112 ग्राम पंचायत को 160 बनाने और दार्जिलिंग, कार्सियांग, मिरिक और कालिम्पोंग को अलग-अलग जिला बनाने की मांग को लेकर ब्लॉक के अधिकारियों से लेकर महकमा शासक, जिलाधिकारी, राज्य के पंचायत मंत्री और मुख्यमंत्री तक को पत्रचार करने का कार्य किया था.
श्री छेत्री ने यह भी कहा कि पावर विभाजन होने से उस क्षेत्र का विकास होगा. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के संदर्भ में पहाड़ में दो स्तरीय पंचायत चुनाव नहीं बल्कि तीन स्तरीय पंचायत चुनाव कराना होगा. क्योंकि जीटीए समझौता पत्र में तीन स्तरीय पंचायत चुनाव का उल्लेख किया है. यदि पहाड़ में तीन स्तरीय पंचायत चुनाव संभव नहीं है तो जीटीए समझौता पत्र में हस्ताक्षर करने वालों को समझौता पत्र खारिज करना होगा.

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