सिलीगुड़ी : अवैध निर्माण पर विपक्ष का हंगामा, हर मोर्चे पर वाम बोर्ड की नाकामी को गिनाया
सिलीगुड़ी : 2018 साल की सिलीगुड़ी नगर निगम की अंतिम महीने की बोर्ड मीटिंग में विरोधी तृणमूल कांग्रेस (तृकां), कांग्रेस व भाजपा पार्षदों ने बिल्डिंग प्लान, अवैध निर्माण पर जहां जमकर बवाल मचाया, वहीं अवैध पार्किंग, जाम की समस्या को भी मुद्दा बनाया. विरोधी दल के तृकां नेता रंजन सरकार उर्फ राणा दा ने मेयर […]
सिलीगुड़ी : 2018 साल की सिलीगुड़ी नगर निगम की अंतिम महीने की बोर्ड मीटिंग में विरोधी तृणमूल कांग्रेस (तृकां), कांग्रेस व भाजपा पार्षदों ने बिल्डिंग प्लान, अवैध निर्माण पर जहां जमकर बवाल मचाया, वहीं अवैध पार्किंग, जाम की समस्या को भी मुद्दा बनाया. विरोधी दल के तृकां नेता रंजन सरकार उर्फ राणा दा ने मेयर अशोक भट्टाचार्य द्वारा संचालित वाम बोर्ड की हर मोर्चे पर नाकामी को भी गिनाया.
इससे पहले वाम बोर्ड के चेयरमैन दिलीप सिंह ने निर्धारित समय पर बोर्ड मीटिंग शुरु की. उसके बाद राणा दा व अन्य विरोधी पार्षदों ने एक-एक मुद्दे पर वाम बोर्ड को घेरना शुरु किया.
राणा दा ने वाम बोर्ड को तेवर दिखाते हुए कहा कि बीते तीन महीने से बिल्डिंग प्लान का काम निगम में बंद पड़ा है. इस वजह से आम जनता काफी परेशान है. लोग मकान नहीं बना पा रहे. लेकिन प्रमोटर व रीयल इस्टेट के कारोबार से जुड़े बड़े उद्योगपति बिल्डिंगे खड़ी किये जा रहे हैं. राणा दा का कहना है कि नियम सबों के लिए समान होना चाहिए, फिर वह चाहे अमीर हो या फिर गरीब.
उन्होंने वाम बोर्ड को चेतावनी देते हुए कहा कि बिल्डिंग प्लान को लेकर जो नया कानून लागू हुआ है वह जल्द सरलीकरण किया जाये. अन्यथा आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा. राणा दा शहर में एक के बाद एक हो रहे अवैध निर्माण को लेकर भी वाम बोर्ड पर तंज कसा. साथ ही सभी अवैध निर्माण को चिह्नित करके जल्द सख्त कार्रवायी करने का आह्वान भी किया.
राणा दा के सुर-में-सुर मिलाते हुए 25 नंबर वार्ड की कांग्रेस पार्षद सीमा साहा ने भी वाम बोर्ड से जवाब तलब करते हुए कहा कि तीन महीने से बिल्डिंग प्लान का अनुमोदन बंद है तो प्रमोटरों का प्लान पास कैसे पास हो रहा है. जबकि साधारण जनता को प्लान के लिए काफी हैरानी उठानी पड़ रही है.
साथ ही कुकुरमुत्ते की तरह अवैध निर्माण हो रहे हैं. लेकिन वाम बोर्ड आंखे बंद किये हुए है. इन सबके जवाब में वाम बोर्ड के बिल्डिंग विभाग के मेयर परिषद सदस्य (एमएमआइसी) मुंशी नुरुल इस्लाम ने कहा कि बिल्डिंग प्लान का काम टेक्निकल कारणों से तीन महीने से बंद पड़ा है.
नया कानून लागू होने के बाद से ही प्लान बनाने में समस्या हो रही है. जो प्लान पास हुए हैं वे काफी पहले ही आवेदन किये गये थे और प्लान पास भी हो गया था. उन्हें अब आवेदकों को इश्यू किया गया. ऐसी कोई बात नहीं है कि केवल प्रमोटरों का प्लान पास हो रहा है और साधारण जनता का नहीं.
साथ ही उन्होंने अवैध निर्माण के सवालों का भी जवाब देते हुए कहा कि पिछले बोर्ड में जो प्लान पास हुए थे अधिकांश वैसे ही लोगों द्वारा अवैध निर्माण किये जा रहे हैं. इसे लेकर कई अवैध निर्माणों को चिह्नित भी किया गया है.
अवैध निर्माण करनेवालों को अपने स्तर पर ही अवैध निर्माण कार्य को तोड़ने के लिए नोटिस देकर समय दिया गया है. अगर समय रहते अवैध निर्माण नहीं तोड़ा गया तो निगम अपने स्तर पर कार्रवायी करेगी. दूसरी ओर 12 नंबर वार्ड के तृकां के पार्षद नांटू पाल ने भी अवैध पार्किंग को लेकर वाम बोर्ड को घेरने का प्रयास किया.
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि पार्किंग का टेंडर जारी होने के बावजूद कैसे अन्य दलालों द्वारा पार्किंग जोन संचालित किया जाता है. टेंडर जारी होता है किसी ओर के नाम से और पार्किंग एरिया को नियंत्रित करता है दलाल चक्र. इस अवैध तरीके से पार्किंग नियंत्रित किये जाने का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.
नांटू पाल द्वारा उठाये गये इन समस्याओं पर अपनी सहमति जताते हुए एक नंबर वार्ड की भाजपा पार्षद मालती राय ने अवैध पार्किंग पर जल्द लगाम लगाने के साथ ही शहर में जाम की विकराल समस्या को भी जल्द नियंत्रित करने और उचित कदम उठाने का आह्वान वाम बोर्ड से किया.
संबंधित विभाग के एमएमआइसी कमल अग्रवाल ने अपने जवाब में कहा कि निगम की ओर से आधिकारिक तौर पर इसी महीने से पार्किंग बंद कर रखी है. 20 दिसंबर को टेंडर जारी किया गया है.
टेंडर जारी किये गये पहले चरण में शहर के सात पार्किंग जोन को अलग रखा गया है. दूसरे चरण में इस सात पार्किंग जोन का टेंडर जारी होगा. अवैध तरीके से पार्किंग वसूली और दलाल चक्र को रोकने के लिए इस बार निगम ने कई सख्त फैसले लिए हैं.
सभी पार्किंग जोन में पार्किंग नियंत्रित करने के लिए जिन लोगों को रखा जायेगा, उनके पहचान हेतु निगम की ओर से पहचान-पत्र दिया जायेगा. साथ ही उनको निगम के ओर से वर्दी भी दी जायेगी. साथ ही हर पार्किंग जोन पर हर तरह के वाहनों के पार्किंग का रेट चार्ट का बोर्ड भी लगाया जायेगा.
दोनों पक्षों के बीच जमकर हुई नोकझोंक
वाम बोर्ड के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने भी विरोधियों को हर सवाल का करारा जवाब देते हुए कहा कि बिल्डिंग प्लान हो या पार्किंग का मुद्दा, हर एक मुद्दों पर एमआइसी मीटिंग में चर्चा होती है. लेकिन फैसला निगम के कमिश्नर ही लेते हैं जो राज्य सरकार द्वारा ही नियंत्रित हैं.
साथ ही श्री भट्टाचार्य ने आज एकबार फिर पार्षदों द्वारा उठाये सवालों पर कहा कि देश के समस्त राज्यों में एक मात्र पश्चिम बंगाल ही ऐसा राज्य है जहां राज्य सरकार तुगलकी राजनीति कर रही है.
बंगाल में भी एकमात्र सिलीगुड़ी ही ऐसा निगम है जिसे ममता सरकार आर्थिक सहयोग से वंचित रख रही है. सरकार के असहयोग के बावजूद काफी कम संशाधनों में काम जारी है.