सिलीगुड़ी : पेयजल समेत शौचालय की समस्या से लोग परेशान

सिलीगुड़ी : पूरे उत्तर बंगाल की सबसे बड़ी मंडी कहे जानेवाले सिलीगुड़ी के मल्लागुड़ी स्थित रेगुलेटेड मार्केट के व्यापारी आज विभिन्न समस्याओं से परेशान हैं. इस रेगुलेटेड मार्केट में देश के विभिन्न विभिन्न राज्यों से फल,सब्जी, मछली सहित कई कच्चे मालों की आवक होती है. इसके बाद इन्हें असम, सिक्किम तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2018 1:11 AM
सिलीगुड़ी : पूरे उत्तर बंगाल की सबसे बड़ी मंडी कहे जानेवाले सिलीगुड़ी के मल्लागुड़ी स्थित रेगुलेटेड मार्केट के व्यापारी आज विभिन्न समस्याओं से परेशान हैं. इस रेगुलेटेड मार्केट में देश के विभिन्न विभिन्न राज्यों से फल,सब्जी, मछली सहित कई कच्चे मालों की आवक होती है. इसके बाद इन्हें असम, सिक्किम तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न बाजारों में भेजा जाता है.
साथ ही सिलीगुड़ी तथा उत्तर बंगाल के कई इलाकों में भी फल एवं सब्जियों की आपूर्ति यहीं से की जाती है. ऐसे रेगुलेटेड मार्केट में कई छोटी बड़ी मंडियां हैं. जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसी क्रम में रेगुलेटेड मार्केट के बाबा लोकनाथ मंडी के व्यापारी कई समस्याओं से परेशान हैं. प्रभात खबर द्वारा आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में यहां के व्यापारियों ने अपनी विभिन्न समस्याएं बतायीं.
बाबा लोकनाथ मंडी के महासचिव अजीत साहा ने बताया कि पहले यह बाजार विधान मार्केट में स्थित था. वर्ष 2002 में बाजार के सभी सदस्य रेगुलेटेड मार्केट कमेटी के साथ जुड़ गये. उन्होंने बताया कि बाबा लोकनाथ मंडी बनने के बाद रेगुलेटेड मार्केट कमेटी (आरएमसी) की तरफ से व्यापारियों को कई आश्वासन दिये गये थे.
लेकिन उनको पूरी करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी गयी. बाजार में आजतक शौचालय तो दूर की बात, पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है.श्री साहा ने आगे बताया कि यहां रास्ते की हालत भी काफी खराब थी. बाद में व्यापारियों ने मिलकर ही रास्ते का निर्माण कराया. अब फिर से ये रास्ते टूट चुके हैं. बारिश के दिनों में तो बाजार की अवस्था बद से बदतर हो जाती है.
श्री साहा का आरोप यह भी है कि रेगुलेटेड मार्केट में जल निकासी की कोई खास व्यवस्था नहीं है. जिस वजह से बारिश के दिनों में नालियों का गंदा पानी सड़क पर आ जाता है. उन्होंने बताया कि आरएमसी के तरफ से बाजार में स्ट्रीट लाइट कब लगाये गये थे, उन्हें ठीक से याद भी नहीं. वर्तमान में जो स्ट्रीट लाइट है भी वह काफी दिनों से खराब पड़े हैं.
उसे ठीक करवाने के लेकर आरएमसी की कोई पहल नहीं दिख रही. उन्होंने आगे बताया कि पहले वहां दोतल्ला बिल्डिंग बनाने की बात पर एग्रीमेंट हुआ था.यह बिल्डिंग अबतक नहीं बनी है. जब वे बजार में अपनी दुकान बढ़ाने का प्रयास करते है तो आरएमसी की ओर से रोक लगा दी जाती है. व्यापारियों का कहना है कि प्रत्येक महीने समय पर आरएमसी को आवश्यक रकम दी जाती है.
बदले में सुविधा कुछ नहीं मिलती है. इसको लेकर व्यापारियों का गुस्सा बढ़ते जा रहा है. इस दौरान लोकनाथ मंडी कमेटी की ओर से संजीव साहा, खोकन साहा, प्रवीण अग्रवाल, शंकर साहा, परितोष साहा व अन्यउपस्थित थे.

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