कोलकाता : 15 जनवरी तक सेवा शिविरों को खाली करने का निर्देश

कोलकाता : बंगवासी मैदान, जहां तीर्थयात्रियों की बसें पार्क होती हैं को 15 जनवरी तक और 16 जनवरी तक आउट्राम घाट मेला क्षेत्र को खाली करने का निर्देश गंगासागर संयुक्त समिति द्वारा दिया गया है. मेला सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह फैसला तृणमूल कांग्रेस द्वारा 19 जनवरी को ब्रिगेड मैदान में आयोजित होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2019 1:55 AM
कोलकाता : बंगवासी मैदान, जहां तीर्थयात्रियों की बसें पार्क होती हैं को 15 जनवरी तक और 16 जनवरी तक आउट्राम घाट मेला क्षेत्र को खाली करने का निर्देश गंगासागर संयुक्त समिति द्वारा दिया गया है. मेला सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह फैसला तृणमूल कांग्रेस द्वारा 19 जनवरी को ब्रिगेड मैदान में आयोजित होने वाली सभा को देखते हुए लिया गया है.
संयुक्त समिति द्वारा दिये गये निर्देश के अनुसार 15 जनवरी के बाद ईडेन गार्डन स्टेडियम के सामने स्थित बंगवासी मैदान में तीर्थयात्री बसों की पॉर्किंग नहीं होगी, जबकि सेवा शिविरों को 16 जनवरी तक आउट्राम घाट से हटा लेने को कहा गया है.
खबर की पुष्टि करते हुए गंगासागर संयुक्त समिति के महासचिव भरत मिश्रा का कहना है कि तीर्थयात्रियों को कोई असुविधा का सामना ना करना पड़े इसी लिए हमने अभी से ही शिविर संचालकों को इस संबंधी में सूचीत कर दिया है.
15 जनवरी तक ईडेन गॉर्डन के सामने स्थित बंगबासी मैदान जबकि 16 जनवरी तक आउट्राम घाट को खाली कर दिया जाएगा. श्री मिश्रा ने बताया कि 19 जनवरी को ब्रिगेड में आयोजित सभा में भाग लेने के लिए 17 जनवरी से ही लोगों का आना शुरू हो जाएगा.
तीर्थयात्रियों व शिविर संचालकों में उहापोह की स्थिति
शिविर खाली करने की खबर के बाद से ही तीर्थयात्रियों व सेवा शिविर संचालकों में उहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए तीर्थयात्रियों का कहना है कि इस वर्ष मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी को पड़ रहा है.
लाखों तीर्थयात्री 15 जनवरी को शुभ मुहूर्त के अनुसार डुबकी लगायेंगे. ऐसे में गंगासागर से स्नान के बाद आउट्राम घाट पर तीर्थयात्रियों की वापसी का सिलसिला 17 जनवरी तक जारी रहेगा. ऐसे में शिविर खाली करने को कहना उचीत नहीं है.
बलिया से आयी सीता वर्मा कहती हैं कि गंगासागर स्नान के बाद कोलकाता का भ्रमण करना चाहती थीं. सोचा था कि सागर स्नान के बाद वापसी में आउट्राम घाट के सेवा शिविरों में एक दिन रूक कर कोलकाता शहर व मां काली का दर्शन करने का लाभ भी उठा लेतीं. लेकिन जब शिविर ही नहीं रहेगा तो फिर ऐसा होना संभव नहीं लग रहा.
दूसरी तरफ सेवा शिविरों से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि हमारा अनुभव कहता है कि मकर संक्रांति के तीन दिन बाद तक शिविरों में तीर्थयात्रियों के आने-जाने का सिलसिला जारी रहता है.
इस दौरान कई लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनों से बिछुड़े होते हैं. उन्हें यहां शिविरों में रखा जाता है. वह तब तक रहते हैं जब तक उनके परिजन या उनका कोई परिचित नहीं आ जाता. लेकिन 15-16 जनवरी तक आउट्राम घाट को खाली करने की सूचना यात्रियों को परेशानी भरा फैसला है.

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