कोलकाता : वेश्यावृत्ति से मुक्त लड़कियों के दर्द ने बदला मेरा जीवन
कोलकाता : बाफ्ता व गोल्डन ग्लोब पुरस्कारों के लिए नामांकित व फिल्म में मुख्य किरदार सोनिया की भूमिका निभा रही अभिनेत्री मृणाल ठाकुर ने फिल्म ‘लव सोनिया’ की ‘विवेल अब समझौता नहीं’ अभियान के तहत विशेष स्क्रीनिंग के दौरान कहा : गैर सरकारी संगठन ‘अपने आप वुमन वर्ल्ड वाइड ’ द्वारा वेश्यावृत्ति से बचायी गयी […]
कोलकाता : बाफ्ता व गोल्डन ग्लोब पुरस्कारों के लिए नामांकित व फिल्म में मुख्य किरदार सोनिया की भूमिका निभा रही अभिनेत्री मृणाल ठाकुर ने फिल्म ‘लव सोनिया’ की ‘विवेल अब समझौता नहीं’ अभियान के तहत विशेष स्क्रीनिंग के दौरान कहा : गैर सरकारी संगठन ‘अपने आप वुमन वर्ल्ड वाइड ’ द्वारा वेश्यावृत्ति से बचायी गयी लड़कियों के साथ मैं सोनागाछी की गलियों में पैदल चली.
शोषण के बीच मैंने उनकी मानवता भी देखी. इस अनुभव ने मुझे हमेशा के लिए बदल दिया. मैंने देखा की वेश्यावृत्ति विकल्प की गैर-मौजूदगी है. मैंने उन महिलाओं से जो सीखा उसी वजह से मैं अपनी भूमिका इतनी अच्छी निभा सकी.
वास्तव में यह समय ‘अब समझौता नहीं’ का है. डेविड वोमार्क (लाइफ आॅफ पाई) द्वारा निर्मित और तबरेज नूरानी की निर्देशित ’लव सोनिया’ एक फीचर फिल्म है जो सैक्स-ट्रैफिकिंग के बारे में है जिसे एनजीओ अपने द्वारा ट्रैफिकिंग से बचायी लड़कियों की मदद से बनाया गया. इस फिल्म को तबरेज नूरानी ने निर्देशित की है, जो स्लमडाॅग मिलिनेयर के प्रोड्यूसर भी रह चुके हैं.
सेक्स ट्रैफिकिंग दुनिया भर में 25 मिलियन पौंड का कारोबार है. करीब दो साल पहले अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने पाया की 40 मिलियन माॅडर्न स्लेवरी पीड़ितों में से लगभग 5 मीलियन जबरदस्ती यौन शोषित होने को मजबूर थे. इनमें से 99 प्रतिशत महिलाएं थीं. अपने आप की संस्थापक रुचिरा गुप्ता बताया कि लव सोनिया का निर्माण अभूतपूर्व था.
निर्देशक व अभिनेताओं ने मेरे एनजीओ अपने आप द्वारा वेश्यावृत्ति से बचायीं गयीं लड़कियों व महिलाओं के साथ समय बिताया. उनके साथ नाॅलिज ऐक्सपर्ट की तरह व्यवहार किया और हर कदम पर उनसे सीखा.
परिणाम स्वरूप एक ऐसी फिल्म बनी जो सही मायनों में वैश्विक सैक्स व्यापार की असलियत को दर्शाती है. सैक्स-ट्रैफिकिंग को समाप्त करने हेतु जागरूकता बढ़ाने के लिए हमने विवेल अब समझौता नहीं के साथ हाथ मिलाया है.