बागडोगरा : राज्य की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी चिटफंड के घोटालेबाजों को बचाने में लगी हुई है, जो काफी दुर्भाग्यजनक है. राज्य की जनता इसका जवाब देगी. यह बातें भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कही. वह जलपाईगुड़ी में एक जनसभा को संबोधित करने के लिए नई दिल्ली से बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंचे.
यहीं संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला. श्री विजयवर्गीय ने कहा कि उन्होंने ममता बनर्जी को गरीबों तथा किसानों की लड़ाई लड़ते देखा है. लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद अब वह एक पुलिस अधिकारी को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रही है. जो काफी दुर्भाग्यजनक है.
ममता सड़क से मुख्यमंत्री के पद तक पहुंची हैं. राज्य की जनता उन्हें एक बार फिर से सड़क पर भेज देगी. श्री विजयवर्गीय ने आगे कहा कि राज्य में करीब 40 हजार करोड़ रूपये का चिटफंड घोटाला हुआ है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घोटालेबाजों को पकड़कर जेल भेजना चाहिए .वह ऐसा नहीं कर घोटालेबाजों को बचाने में लगी हुई है. दूसरी ओर सीबीआई इस पूरे मामले की जांच कर रही है.
सीबीआई की कोशिश घोटालेबाजों को जेल भेजने की है .चाहे वह कोई सरकारी अधिकारी या कोई राजनेता. सीबीआई सभी दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजेगी. सीबीआई की जांच सही दिशा में है. जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जांच में बाधा दे रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले ममता बनर्जी की पार्टी के कई नेताओं की गिरफ्तारी चिटफंड घोटाले में हो चुकी है. उन्होंने कोई आंदोलन नहीं किया. अब एक पुलिस अधिकारी को बचाने के लिए वह धरना दे रही हैं.
आखिर उनकी क्या मजबूरी है. वह कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को क्यों बचाना चाहती हैं. सीबीआई उनसे पूछताछ करना चाहती है. सीबीआई को अपना काम करने देना चाहिए था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को स्वयं राजीव कुमार को सीबीआई के सहयोग के लिए कहना चाहिए था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
उल्टे सीबीआई अधिकारियों की ही गिरफ्तारी करवा दी. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में अपना रुख साफ कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया है उससे लोकतंत्र की जीत हुई है. जो लोग चिटफंड में निवेश कर अपना सर्वस्व गवां चुके हैं, उन्हें पैसा वापस मिलना चाहिए. सीबीआई जांच से घोटालेबाज सामने आएंगे.
भाजपा तथा केंद्र सरकार चिटफंड पीड़ितों के पैसे वापस लौटाने की कोशिश कर रही हैं. चिटफंड पीड़ित अपना पैसा वापस पाने के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं. अभी भी काफी संख्या में चिटफंड कंपनियों के पीड़ित कोलकाता के पार्क होटल के सामने धरने पर बैठे हुए हैं. मुख्यमंत्री को इन आंदोलनकारियों से मुलाकात करनी चाहिए थी.
ममता बनर्जी इनसे मिलती और चिटफंड घोटाले वालों को कड़ी सजा देने की बात कहतीं तो इसका एक अच्छा संदेश जाता. मुख्यमंत्री ऐसा नहीं कर रही हैं. वह चिटफंड पीड़ितों के साथ नहीं बल्कि एक पुलिस अधिकारी के साथ खड़ी हैं. यह पश्चिम बंगाल के लिए भी दुर्भाग्यजनक है.