दार्जिलिंग : लोकसभा चुनाव में तय होगा किसमें, कितना है दम : जिम्बा

दार्जिलिंग : आसन्न लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग लोकसभा सीट से हार और जीत का निर्णय तय हो जायेगा. रविवार को यह बात गोरामुमो के केन्द्रीय नेता एवं पूर्व प्रवक्ता नीरज जिम्बा ने कही है. नीरज जिम्बा ने आज पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस या भाजपा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2019 12:55 AM

दार्जिलिंग : आसन्न लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग लोकसभा सीट से हार और जीत का निर्णय तय हो जायेगा. रविवार को यह बात गोरामुमो के केन्द्रीय नेता एवं पूर्व प्रवक्ता नीरज जिम्बा ने कही है. नीरज जिम्बा ने आज पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस या भाजपा में किसको वोट देना है यह मतदाताओं का विषय है.परन्तु लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग लोकसभा सीट से हार और जीत का निर्णय गोरामुमो तय करेगा.

गोजमुमो (विनय गुट) के अध्यक्ष विनय तमांग और उनके कई नेताओं ने लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग सीट से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ही भाजपा मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ने की बात कह रही है.

लेकिन इस तरह की बयानबाजी करने वालों को सब से पहले यह बात भी सोचना जरूरी है कि चुनाव में प्रत्येक राजनैतिक दल एक चुनाव कमेटी का गठन करती है और उक्त चुनाव कमेटी हरेक सीट का सर्वे कर सुरक्षित और चुनौतीपूर्ण सीटों का आकलन करती है.

उन्होंने कहा कि गोजमुमो (विनय गुट) 2017 के आन्दोलन की विफलता के लिये भाजपा को जिम्मेदार मानता है. परन्तु ऐसा नहीं है. यदि यह बात सच है तो उस वक्त विनय तमांग कैप्टन की उपाधि से सम्बोधित किये जाते. आन्दोलन की घोषणा भले ही विमल गुरुंग ने की थी, लेकिन सर्वदलीय बैठक से लेकर आन्दोलन के भावी कार्यक्रमों की घोषणा तो विनय तमांग करते थे.
1986 और 2017 का आन्दोलन जनता ने अपने मन से किया था. गोजमुमो (विनय गुट) का कहना है कि भावी आंदोलन बौद्धिक स्वरुप में किया जायेगा. यह स्वागत योग्य विषय है. गोरामुमो के संस्थापक अध्यक्ष सुभाष घीसिंग ने बौद्धिक आंदोलन के जरिये तत्कालीन राज्य सरकार को छठी अनुसूची के दस्तावेज पर समझौता करने पर मजबूर किया था.
जबकि सच्चाई यह है कि आज जो लोग बौद्धिक आंदोलन की बात कह रहे हैं उन्हीं लोगों ने छठी अनुसूची का तब कड़ा विरोध किया था. नीरज जिम्बा ने कहा कि हमलोग गोरखालैंड के लिये हर तरह के राजनैतिक दल से हाथ मिलाने को तैयार हैं.

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