बागडोगरा : वन विभाग की छापेमारी से बढ़ी परेशानी

बागडोगरा : वन विभाग द्वारा बार-बार छापेमारी से परेशानफर्नीचर कारोबारियों ने अब ग्राम पंचायत की शरण ली है. अठारोखाई इलाके में लकड़ी के फर्नीचर का कारोबार करने वाले व्यवसायियों ने मंगलवार को पंचायत प्रधान को एक ज्ञापन दिया. इन लोगों का कहना है कि वह लोग पिछले कई दशक से लकड़ी का फर्नीचर बनाकर अपने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2019 1:04 AM

बागडोगरा : वन विभाग द्वारा बार-बार छापेमारी से परेशानफर्नीचर कारोबारियों ने अब ग्राम पंचायत की शरण ली है. अठारोखाई इलाके में लकड़ी के फर्नीचर का कारोबार करने वाले व्यवसायियों ने मंगलवार को पंचायत प्रधान को एक ज्ञापन दिया. इन लोगों का कहना है कि वह लोग पिछले कई दशक से लकड़ी का फर्नीचर बनाकर अपने तथा अपने परिवार की आजीविका चला रहे हैं.

वह लोग कोई गैरकानूनी काम नहीं करते. सरकारी नीलामी में लकड़ी खरीदते हैं. जिसकी फर्नीचर बनाते हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से वन विभाग द्वारा फर्नीचर दुकानों में लगातार छापेमारी की जा रही है.

इन लोगों ने वन विभाग पर परेशान करने का आरोप लगाया. इन लोगों ने कहा कि 5 तथा 6 फरवरी को इस इलाके में तलाशी के नाम पर कारोबारियों को परेशान किया गया. लाखों रुपए के फर्नीचर भी जब्त कर लिए गए.अब आलम यह है कि सभी फर्नीचर कारोबारी बेरोजगारी के कगार पर पहुंच गए हैं. वन विभाग के डर से फर्नीचर कारोबार नहीं कर पा रहे हैं.

इन कारोबारियों ने ग्राम पंचायत से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. ज्ञापन देने वालों में समीर सिन्हा, विश्वनाथ सिन्हा आदि का नाम उल्लेखनीय है. इस संबंध में ग्राम पंचायत के प्रधान अभिजीत पाल का कहना है कि उन्हें फर्नीचर कारोबारियों का ज्ञापन मिला है. वह भी वन विभाग से बातचीत करेंगे. फर्नीचर कारोबार के लिए क्या नियम कानून है, इसकी जानकारी वन विभाग से प्राप्त की जाएगी.

उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कर फर्नीचर कारोबारियों की मदद की जाएगी. उल्लेखनीय है कि वन विभाग ने विधान नगर, बागडोगरा तथा अठारोखाई इलाके में फर्नीचर दुकानदारों पर अवैध कारोबार का आरोप लगाया है. उसके बाद वन विभाग ने कई बार छापामारी की.

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