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स्वच्छ भारत मिशन के तहत उठाया कदम, चाय बागान के कारखानों में बनाये जायेंगे शौचालय

नागराकाटा : स्वच्छ भारत मिशन को एक कदम और आगे ले जाते हुए भारतीय टी बोर्ड ने एकअभूतपूर्व फैसला लेते हुए सभी चाय बागानों के कारखानों में शौचालय बनवाने का निर्णय लिया है. इस निर्णय का चाय बागान प्रबंधन से लेकर श्रमिक संगठनों ने स्वागत किया है. उल्लेखनीय है कि इन दिनों कारखानों में पुरुष […]

नागराकाटा : स्वच्छ भारत मिशन को एक कदम और आगे ले जाते हुए भारतीय टी बोर्ड ने एकअभूतपूर्व फैसला लेते हुए सभी चाय बागानों के कारखानों में शौचालय बनवाने का निर्णय लिया है. इस निर्णय का चाय बागान प्रबंधन से लेकर श्रमिक संगठनों ने स्वागत किया है.

उल्लेखनीय है कि इन दिनों कारखानों में पुरुष के साथ महिलाओं को भी काम पर रखा जा रहा है और कहीं कहीं तो महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक रहती है. इसलिये उन्हीं का विशेष ध्यान रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. हालांकि पुरुषों के लिये भी अलग से शौचालय की व्यवस्था रहेगी.

बोर्ड के सूत्र के अनुसार फिलहाल डुवार्स व तराई क्षेत्र के 57 चाय बागानों में ये शौचालय बनवाये जायेंगे. जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों के अंतर्गत 20 चाय बागानों को इस योजना के तहत लाया गया है. वहीं, तराई क्षेत्र के 17 चाय बागानों में भी शौचालय बनवाये जायेंगे. यह काम बोर्ड के टी बोर्ड के स्वच्छता ऐक्शन प्लान के माध्यम से किया जायेगा.

आगामी 15 मार्च के भीतर शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा कर लिये जाने की संभावना है. सूत्र के अनुसार शौचालय का उद्घाटन करने के बाद बागान श्रमिकों के साथ स्वच्छता विषय पर अंतर्क्रियात्मक वार्ता भी आयोजित की जायेगी. टी बोर्ड के इस कदम का इंडियन टी एसोसिएशन की डुवार्स शाखा डीबीआईटीए के सचिव सुमंत गुहाठाकुरता ने कहा कि पहली बार इस तरह की योजना स्वागतयोग्य है.

इससे बाहर से आने वाले श्रमिक भी लाभान्वित होंगे. वहीं,टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया टाई के डुवार्स शाखा सचिव राम अवतार शर्मा ने इस कदम को प्रशंसनीय बताया है. इस तरह के सम्मिलित प्रयास से ही चाय उद्योग और चाय समूह का कल्याण होगा. वहीं, चाय श्रमिक संगठनों के ज्वाइंट फोरम के एक प्रमुख संयोजक मणि कुमार दर्नाल ने बताया कि यह कदम स्वागतयोग्य है. इसके बाद बागान मालिक अन्यथा न लें, केंद्र सरकार श्रमिक मोहल्ले के हर घर में शौचालय भी बनवा देगी. कारण कि बागान श्रम अधिनियम के अनुसार श्रमिकों के आवासीय घरों, पेयजल और अन्य बुनियादी सुविधायें प्रदान करने का दायित्व बागान प्रबंधन का है. लेकिन इसकी घोर उपेक्षा हो रही है.

टी बोर्ड के सिलीगुड़ी जोन के उप निदेशक रमेश कुजूर ने कहा कि अन्य चाय बागानों को भी बाद में इस योजना के तहत लाया जायेगा. उल्लेखनीय है कि इस खबर की जानकारी मिलने पर जलपाईगुड़ी जिले के कठालगुड़ी, चेंगमारी, अलीपुरद्वार, रहीमपुर, पाटकापाड़ा और तराई क्षेत्र के थानझोड़ा, अटल और अन्य चाय बागानों में उत्साह दिखायी दे रहा है.

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