हादसे को दो महीने बीते, पर अब भी समुचित इलाज नहीं
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती है केरन चाय बागान की प्रमिला नागराकाटा : मोटरबाइक के धक्के से उनका दाहिना पैरा टूट चुका है. उसके बाद 22 दिसंबर से उत्तरबंगाल मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में उपचाराधीन हैं केरन चाय बागान की निवासी प्रमिला मुंडा (24). उनके परिजनों ने उनके उपचार में चिकित्सकीय लापरवाही बरतने का आरोप लगाया […]
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती है केरन चाय बागान की प्रमिला
नागराकाटा : मोटरबाइक के धक्के से उनका दाहिना पैरा टूट चुका है. उसके बाद 22 दिसंबर से उत्तरबंगाल मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में उपचाराधीन हैं केरन चाय बागान की निवासी प्रमिला मुंडा (24).
उनके परिजनों ने उनके उपचार में चिकित्सकीय लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. इसके बाद यह असहाय दरिद्र श्रमिक परिवार प्रमिला के जल्द से जल्द उपचार कराने कि मांग करते हुए दर दर भटक रहा है. हालांकि अभी तक इससे भी कोई लाभ होता हुआ नहीं दिख रहा है.
अस्वस्थ प्रमिला ने अस्पताल के बिस्तर से मोबाईल फोन पर इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि बीच-बीच में डाक्टर बाबु आकर उसे देख जाते है. लेकिन उसे क्या करना चाहिए यह सब कुछ नहीं बताते. सुना है उनका ऑपरेशन होगा. इतने रोज बीत गये अभी तक ऑपरेशन नहीं हुआ. अब उन्हें अस्पताल के बिस्तर पर पड़े पड़े अच्छा नहीं लगता.
वह वहां रहना नहीं चाहतीं. परिवार से मिली जानकारी के अनुसार मनरेगा योजना के तहत काम करने के लिए जाते समय एक बाइक ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी. इस दुर्घटना में गम्भीर रुप से घायल होने के बाद प्रमिला को उसी दिन माल महकमा अस्पताल में भर्ती कराया गया. चिकित्सा के बाद वहां से उसे 22 दिसंबर को उत्तरबंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया. उसी समय से प्रमिला वहीं पड़ी है.
युवती के चाचा बुधवा मुंडा ने बताया कि प्रमिला किसी तरह दुख और कष्ट झेलते हुए वहां रह रही है. लेकिन उसकी पीड़ा को महसूस करने वाला वहां कोई नहीं है. डाक्टर बाबू भी कुछ स्पष्ट नहीं बोल रहे है. प्रमिला को देखने गया था.
अस्पताल प्रबंधन से मिलने का प्रयास किया लेकिन भेंट नहीं हो सकी. इधर, चाय बागान बंद है. इसलिए वहां बारबार जाना संभव नहीं है. लुकसान ग्राम पंचायत के सदस्य एवं लुकसान तृणमूल अंचल सभापति काजी पांडे भी प्रमिला को देखने के लिए गए हुए थे. उन्होंने बताया कि उनलोगों को हालत बेहद खराब है. लड़की को क्यों इस तरह लाचार हालत में रखा गया यह मुझे भी समक्ष में नहीं आ रहा.
मैंने डाक्टर से भी बात की थी. मेडिकल कॉलेज के सुपर कौशिक समाजदार ने बताया कि जरूरी जांच करने के बाद कदम उठाया जायेगा. लेकिन कब तक यह कदम उठाया जायेगा और कब तक प्रमिला इस तरह कष्ट सहती रहेगी, यह सवाल अब भी बना हुआ है. यह भी कि क्या अब भी प्रमिला के स्वस्थ होने की उम्मीद बची है?