सिलीगुड़ी : यौनकर्मियों का छलका दर्द, ना आधार कार्ड ना कोई अन्य सुविधा

सिलीगुड़ी : लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही सिलीगुड़ी सहित पूरे दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र में चुनाव-प्रचार जोर-शोर से जारी है. दूसरे चरण में 18 अप्रैल को दार्जिलिंग के साथ ही जलपाईगुड़ी तथा रायगंज लोकसभा सीट पर मतदान होना है. आमलोगों की निगाहें भी इस चुनाव पर टिकी हुई है. नयी सरकार और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2019 7:24 AM
सिलीगुड़ी : लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही सिलीगुड़ी सहित पूरे दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र में चुनाव-प्रचार जोर-शोर से जारी है. दूसरे चरण में 18 अप्रैल को दार्जिलिंग के साथ ही जलपाईगुड़ी तथा रायगंज लोकसभा सीट पर मतदान होना है. आमलोगों की निगाहें भी इस चुनाव पर टिकी हुई है.
नयी सरकार और सांसद से सभी की कुछ ना कुछ आस लगी रहती है.इसी कड़ी में रेड लाइट क्षेत्र की महिलाएं भी सरकार से कुछ ना कुछ उम्मीदें पाल रखी है. जबकि हर चुनाव के बाद ही इनकी उम्मीदों को झटका लगता है. सिलीगुड़ी शहर के खालपाड़ा स्थित रेड लाइट इलाका दार्जिलिंग लोकसभा सीट के अधीन है.
स्थानीय प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार यहां करीब 400 से 450 वोटर हैं. इनमें यौन कर्मियों की संख्या काफी अधिक है. यहां की यौन कर्मियों का आरोप है कि वोट आते ही नेता इस रेड लाइट इलाके में भी बाते हैं. कई वादे भी कर जाते हैं. पर चुनाव के बाद कोई पूछने भी नहीं आता. इन्हें नेताओं के वादे पर कोई भरोसा नहीं है.
एक बार फिर चुनाव सामने है. सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवार वोट की उम्मीद में इस इलाके का भी चक्कर काट रहे हैं.अब रोड लाइट इलाके में काम करने वाली महिलाएं इस चुनाव से क्या उम्मीद लगायी हुई हैं और विभिन्न राजनीतिक दल इनके बारे में क्या सोचते हैं,इस पर प्रभात खबर की टीम ने एक पड़ताल की. दार्जिलिंग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे तृणमूल, भाजपा, कांग्रेस तथा माकपा नेताओं से बातचीत की गई और उनके मन को टटोला गया.
गौरतलब है कि सिलीगुड़ी के रेडलाइट इलाके में काम करने वाली यौन कर्मियों की विभिन्न समस्याओं को लेकर एक खबर 18 फरवरी को प्रभात खबर में प्रकाशित हुई थी.वोटर कार्ड, आधार कार्ड,राशन कार्ड आदि की समस्याओं से यौनकर्मियों ने तब हमारी टीम को अवगत कराया था.
यौन कर्मियों कहना है कि लोकसभा, विधानसभा तथा पार्षद तक के चुनाव में यहां वोट मांगने के लिए नेता-मंत्रियों का तांता लग जाता है. ये नेता उनके लिए कई सरकारी योजनाओं को चालू करने के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी सुविधाएं देने की बड़ी-बड़ी बाते करते हैं.
जबकि अभी भी यहां की यौन कर्मियों में से काफी के पास वोटर कार्ड और आधार कार्ड तक नहीं है. कईयों के पास तो बैंक खाता तक नहीं है. जिस जन धन खाता योजना की बात केंद्र सरकार अपनी बड़ी उपलब्धि बताती है,वह खाता तक भी यहां की काफी यौन कर्मियों के पास नहीं है. आधार कार्ड और बैंक खाता के आभाव में सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पाना इनके लिए संभव नहीं होता है.
क्या कहते हैं मेयर
यौन कर्मियो की समस्याओं को लेकर माकपा विधायक तथा मेयर अशोक भट्टाचार्य सेने बताया कि उनके तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार में मंत्री रहते यौन कर्मियों के लिए काफी काम हुआ था.
उन्होंने खालपाड़ा रेडलाइट इलाके में काम करने वाली यौन कर्मियों के लिए चिकित्सा सेवा, कंप्यूटर, हेल्थ चेकअप कैंप, सेल्फ हेल्प ग्रुप जैसी कई सुविधाएं शुरू की थी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार इनलोगों के लिए कोई काम नहीं कर रही है.
जो यौनकर्मी रिटायर हो जाती हैं,उनको अपना भरण पोषण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कम से कम उन लोगों के लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वह अपने उम्मीदवार समन पाठक को लेकर उस इलाके में फिर चुनाव प्रचार के लिए जायेंगे.
भाजपा ने जतायी चिंता
भाजपा के सिलीगुड़ी सांगठनिक जिला अध्यक्ष अभिजीत राय चौधरी ने यौन कर्मियों की समस्याओं पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने बताया कि वे भी उस इलाके में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के साथ चुनाव प्रचार के लिए जायेंगे. तब उनकी समस्याओं पर भी बातचीत की जायेगी.
बोले तृणमूल नेता
सिलीगुड़ी नगर निगम में विरोधी दल नेता तृणमूल के रंजन सरकार (राणा दा) ने बताया कि वह भी अपने उम्मीदवार को लेकर वहां प्रचार में जायेंगे. उनकी पार्टी की सरकार पिछले साढ़े सात वर्षों से हर स्तर के लोगों के लिए काम कर रही है.
लोगों को रोजगार, चिकित्सा, शिक्षा तथा अन्य बुनियादी सुविधा प्रदान करना सरकार का उद्देश्य है. उन्होंने भरोसा देते हुए कहा कि सिर्फ यौनकर्मी ही नहीं राज्य के सभी लोगों के लिए सरकार काम कर रही है. चाय बगान मजदूरों तथा श्रमिकों के लिए राज्य सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है.
क्या कहना है कांग्रेस नेता का
कांग्रेस नेता जीवन मजूमदार ने बताया कि झूठा आश्वासन देकर वोट इकट्ठा करने का काम देश में चल रहा है.लेकिन कांग्रेस इस नीति पर विश्वास नहीं करती है. समाज में यौन कर्मियों का समान अधिकार है. अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो उनकी समस्याओं को संसद में उठाने के साथ यौन कर्मियों को वाजिब हक दिलाया जायेगा.

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