12 दुकानें राख, लाखों का नुकसान
घटना की जांच में जुटी फॉरेंसिक टीम सात मई 2015 को भी दिनबाजार में हुआ था भयावह अग्निकांड जलपाईगुड़ी : एक बार फिर शहर का दिनबाजार अग्निकांड की चपेट में आ गया. शुक्रवार रात करीब 11.30 बजे अचानक बाजार में धुआं उठते हुए देखा गया जिसके बाद व्यवसायी भागे भागे अपनी दुकानों की ओर पहुंचे. […]
घटना की जांच में जुटी फॉरेंसिक टीम
सात मई 2015 को भी दिनबाजार में हुआ था भयावह अग्निकांड
जलपाईगुड़ी : एक बार फिर शहर का दिनबाजार अग्निकांड की चपेट में आ गया. शुक्रवार रात करीब 11.30 बजे अचानक बाजार में धुआं उठते हुए देखा गया जिसके बाद व्यवसायी भागे भागे अपनी दुकानों की ओर पहुंचे. संकरी गलियों के चलते मौके पर तीन दमकलों को पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. इसके बावजूद करीब तीन घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पा लिया गया. हालांकि तब तक जो नुकसान होना था, हो चुका. लकड़ी, बांस और टीन से बनी दुकानों से आग की लपटें तेजी से फैली.
इस घटना में सब्जी, मुर्गी और पान की थोक दुकानों समेत कुल 12 दुकानें जलकर राख हो गयीं. एक प्राथमिक अनुमान के मुताबिक, करीब दस लाख रुपये का नुकसान हुआ है. इस घटना से प्रभावित व्यवसायी सदमे में हैं. एक दुकानदार तो अपनी आंखों के सामने दुकान को राख होते हुए देखकर अस्वस्थ हो गये, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि अब वे स्वस्थ हैं. क्षतिग्रस्त दुकानों में मोबाइल फोन की एक दुकान भी है.
घटना के बाद शनिवार को इस बाजार की ज्यादातर दुकानें बंद रहीं. हालांकि रामनवमी और पोयला बैशाख के चलते कुछ दुकानें खुली हुई थीं. उधर, जिले के एसपी अमिताभ माइती ने बताया कि घटना की जांच की जिम्मेदारी कोतवाली थाना के आईसी को दी गयी है. वहीं, राज्य की फॉरेंसिक टीम से सेवा लेने का आवेदन किया गया है.
दिनबाजार व्यवसायी कल्याण समिति के अध्यक्ष मलय साहा ने कहा कि अग्निकांड की गहन जांच के लिए पुलिस, जिला प्रशासन और नगरपालिका को लिखित रूप से अवगत करा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि 7 मई 2015 को भी टीन शेड से बनी दुकानों वाले इसी दिनबाजार में भयावह अग्निकांड हुआ था. वह तस्वीर प्रभावित व्यवसायियों की स्मृति में अभी भी बनी हुई है. उसके बाद फिर एक ऐसे ही हादसे ने इन छोटे दुकानदारों के सामने मुसीबत का पहाड़ खड़ा कर दिया है.