उजड़े आशियाने में 22 वर्षों से रहने को विवश सुलेखा

काल बैशाखी की आहट से कांप जाती है विधवा की रूह दयनीय स्थिति को देखते हुए सामाजिक संगठन ने दी मदद बिन्नागुड़ी. बानरहाट थाना अंतर्गत बिन्नागुड़ी इलाके में अहले सुबह आये आंधी-तूफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. बिन्नागुड़ी ग्राम पंचायत के फॉरेस्ट लाइन पंचायत अंचल कार्यालय रोड स्थित कई लोगों के घरों का टिना उड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2019 5:56 AM
  • काल बैशाखी की आहट से कांप जाती है विधवा की रूह
  • दयनीय स्थिति को देखते हुए सामाजिक संगठन ने दी मदद
बिन्नागुड़ी. बानरहाट थाना अंतर्गत बिन्नागुड़ी इलाके में अहले सुबह आये आंधी-तूफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. बिन्नागुड़ी ग्राम पंचायत के फॉरेस्ट लाइन पंचायत अंचल कार्यालय रोड स्थित कई लोगों के घरों का टिना उड़ गया. डीपूपाड़ा निवासी सुलेखा दत्ता के घर की स्थिति काफी खराब है.
सुलेखा के घर का छत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. जब भी बारिश तूफान आता है तो काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. विदित हो कि काफी पहले से ही प्लास्टिक लगाकर किसी प्रकार से अपने घर को बचाकर सुलेखा रह रही है.
सुलेखा की दयनीय स्थिति को देखकर समाजसेवी संगठन की ओर से प्लास्टिक दिया गया. प्रशासन द्वारा हर प्रकार की मदद के लिए सहयोग करने का वादा किया गया है. वही ग्राम पंचायत के प्रधान श्याम सुंदर उर्फ बप्पा दा ने हर प्रकार के मदद करने के लिए पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया है.
सुलेखा दत्ता पिछले 22 वर्षों से विधवा होते हुए भी अपने एक बीमार पुत्र के साथ किसी प्रकार से अपने जीवन गुजार रही हैं. एक छोटा सा पान का गुमटी से उनका पूरा परिवार चलता है.
जो इस बार एनएच 31 सड़क चौड़ीकरण के दौरान दुकान सड़क की जद में आने से आसरा भी खत्म हो गया है. अब इस विधवा परिवार का भरण पोषण किस प्रकार से चलेगा यह भगवान भरोसे है. 22 वर्षों से सुलेखा दत्ता बेसहारा की तरह अपनी जिंदगी गुजार रही है.
लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधा नहीं मिला है. हालांकि जनकल्याण समाजसेवी संगठन की ओर से राजा जायसवाल एवं विनोद राय ने अपनी टीम के साथ सुलेखा के घर पहुंचे और एक बोरी चावल-दाल एवं अन्य प्रकार की खाद्य सामग्री इस परिवार को प्रदान की. सुलेखा दत्ता ने कहा कि इससे मेरा कोई भला नहीं होगा.
मेरा परिवार चलाने के लिए विधवा पेंशन समेत सरकारी सुविधाएं दी जाय तो अपना जीवन यापन मेहनत मजदूरी करके कर सकते हैं. मुझे किसी का आश्वासन नहीं सरकारी सुविधा मिल जाए तो हम बहुत आभारी होंगे.

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