बारिश में कहीं मेची नदी कहर ना बरपा दे

खोरीबाड़ी : सिलीगुड़ी के निकट खोरीबाड़ी ब्लॉक के अंतिम छोर पर बसा डान्गुजोत गांव. यह गांव भारत-नेपाल सीमा पर बहने वाली मेची नदी के किनारे बसा हुआ है. इस गांव की आबादी लगभग नौ सौ है. यहां के लोग मुख्य रूप से खेती बाड़ी कर अपना परिवार चलाते हैं . सारा साल तो यहां लोग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2019 12:44 AM

खोरीबाड़ी : सिलीगुड़ी के निकट खोरीबाड़ी ब्लॉक के अंतिम छोर पर बसा डान्गुजोत गांव. यह गांव भारत-नेपाल सीमा पर बहने वाली मेची नदी के किनारे बसा हुआ है. इस गांव की आबादी लगभग नौ सौ है. यहां के लोग मुख्य रूप से खेती बाड़ी कर अपना परिवार चलाते हैं . सारा साल तो यहां लोग ठीक रहते हैं, लेकिन बारिश के मौसम शुरू होते इनमें आतंक पैदा हो जाता है.बरसात के आगमन से ही गांव के लोग डर जाते हैं.

पता नहीं मेची नदी का कहर कब गांव वालों पर टूट पड़े .दरअसल यह गांव मेची नदी के किनारे ही बसा हुआ है.बरसात के समय मेची नदी में बाढ़ एक आम समस्या है. अधिक बारिश होने से इस गांव में बाढ़ का पानी घुस जाता है. तब जान-माल का काफी नुकसान होता है .पिछले कई सालों से ऐसी स्थिति पैदा होती रही है.

बाढ़ से बचने के लिये ग्रामीणों ने नदी में बांध बनाने की मांग की है. इस मांग को लेकर कई बार प्रशासन मदद मांगी गयी,लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा है. ग्रामीण विजय महतो,पप्पू यादव,शम्भू साव,पवन कुमार, संदीप कुमार,अनुज यादव आदि ग्रामीणों ने कहा की बांध नहीं होने से हम गांव वासी हमेशा डरे रहते है.

बारिश के मौसम में तो रात भर जग कर रहेत हैं. हमेशा डर बना रहता है कि बारिश में कब नदी में उफान आ जाये और सबकुछ तबाह कर दे.एक बार फिर से बारिश का मौसम शुरू है. बांध बनाने की दिशा में कोई पहले नहीं की गयी. इस बार भी बारिश के मौसम में रात भय और आतंक के बीच बीतेगी. इस सम्बंध में पंचायत सदस्य रामाशीष महतो ने कहा की बांध बनवाने के लिये कई बार प्रखंड से लेकर महकमा परिषद तक मांग की गयी.

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