माकपा उम्मीदवार के समर्थन में निकाली रैली

दार्जिलिंग : आगामी 19 मई को होने वाले दार्जिलिंग विधानसभा उप-चुनाव में माकपा उम्मीदवार केवी वातर ने रविवार को रैली निकाली. माकपा उम्मीदवार केवी वातर की उपस्थिति में रैली रविवार को शहर के जज बाजार स्थित माकपा कार्यालय से शुरू होकर लाडेनला रोड, क्लब स्टैंड, एचडी लामा रोड होकर चौक बाजार पहुंची. आयोजित चुनावी रैली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2019 5:37 AM

दार्जिलिंग : आगामी 19 मई को होने वाले दार्जिलिंग विधानसभा उप-चुनाव में माकपा उम्मीदवार केवी वातर ने रविवार को रैली निकाली. माकपा उम्मीदवार केवी वातर की उपस्थिति में रैली रविवार को शहर के जज बाजार स्थित माकपा कार्यालय से शुरू होकर लाडेनला रोड, क्लब स्टैंड, एचडी लामा रोड होकर चौक बाजार पहुंची.

आयोजित चुनावी रैली में माकपा उम्मीदवार श्री वातर के साथ माकपा के वरिष्ठ नेता जीवेश सरकार, पूर्व सांसद समन पाठक, दिलीप दिलपाली आदि उपस्थित थे. वातर के पक्ष में निकाली गयी रैली के चौक बाजार पहुंचते ही जनसभा में परिणत हुई.
आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता जीवेश सरकार ने कहा कि दार्जिलिंग विधानसभा उप-चुनाव में दार्जिलिंग के पहाड़वासियों का आशीर्वाद अगर श्री वातर को मिला तो वे दार्जिलिंग की समस्याओं को विधानसभा में उठायेंगे. उन्होंने कहा कि पहाड़ के विधानसभा समष्टियों से कई विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे हैं, लेकिन बंगाल विधानसभा में पहाड़ की समस्याओं के बारे में किसी ने आवाज नहीं उठायी. लेकिन पहाड़ के वरिष्ठ माकपा नेता एवं माकपा उम्मीदवार केवी वातर निडर हैं.
वह निडर होकर विधानसभा में पहाड़ की समस्याओं को उठायेंगे. केवी वातर एक श्रमिक नेता हैं. वातर को श्रमिकों की समस्यों के बारे में पता है, इसलिए हम लोगों को विश्वास है कि केवी वातर को इस बार के उप चुनाव में दार्जिलिंग के मतदाताओं का प्यार और आशीर्वाद मिला तो निश्चित रूप से विधानसभा में पहाड़ की हरेक समस्या की आवाज गूंजेगी.
उन्होंने कहा कि राज्य की तृणमूल सरकार ने पहाड़ का विकास नहीं किया है. पहाड़ की आवाज को दबाने के लिये राज्य की तृणमूल सरकार ने गोर्खाओं को जात गोष्ठियों में विभाजन करने का कार्य किया है. आगामी 2021 में बंगाल विधानसभा का चुनाव होना है. राज्य की तृणमूल सरकार से राज्यवासियों का मन भर चुका है. माकपा उम्मीदवार केवी वातर ने अपने भाषण में राज्य की तृणमूल सरकार पर गोरर्खाओं का विकास नहीं, बल्कि गोर्खाओं का विभाजन करने का आरोप लगाया.

Next Article

Exit mobile version