बुद्ध पूर्णिमा पर चाय बागानों में अवकाश की घोषणा
नागराकाटा के बौद्ध धर्मावलंबियों ने जतायी प्रसन्नता जलपाईगुड़ी/नागराकाटा : राज्य सरकार ने उत्तर बंगाल के चाय बागानों में बुद्ध पूर्णिमा के उपलक्ष्य में सवैतनिक छुट्टी की घोषणा की है. इस घोषणा से उत्तर बंगाल के तकरीबन 276 चाय बागानों के करीब साढ़े तीन लाख चाय श्रमिकों को लाभ मिलेगा. छुट्टी रहने पर भी उन्हें 18 […]
नागराकाटा के बौद्ध धर्मावलंबियों ने जतायी प्रसन्नता
जलपाईगुड़ी/नागराकाटा : राज्य सरकार ने उत्तर बंगाल के चाय बागानों में बुद्ध पूर्णिमा के उपलक्ष्य में सवैतनिक छुट्टी की घोषणा की है. इस घोषणा से उत्तर बंगाल के तकरीबन 276 चाय बागानों के करीब साढ़े तीन लाख चाय श्रमिकों को लाभ मिलेगा. छुट्टी रहने पर भी उन्हें 18 मई के लिये वेतन मिलेगा.
इस संबंध में राज्य सरकार की इस निर्देशिका की प्रति चाय बागानों के संगठनों के केंद्रीय संगठन सीसीपीए ने सभी चाय बागानों को भेज दी है. गुरुवार को यह जानकारी कंसलटेटिव कमेटी ऑफ प्लांटर्स एसोसिएशन (सीसीपीए) के नॉर्थ बंगाल संयोजक अमितांशु चक्रवर्ती ने दी है. इसको लेकर चाय बागान के बौद्ध धर्मावलंबी श्रमिकों में खुशी व्याप्त है.
नॉर्थ बंगाल बुद्धिस्ट सोसायटी के महासचिव विजय बरुआ ने बताया कि वे लोग इस अवकाश के लिये लंबे समय से आवाज उठाते रहे हैं. सवाल है कि गौतम बुद्ध जैसे महान समाज सुधारक और संत की जयंती पर सरकारी अवकाश होना ही चाहिए. चूंकि चाय बागान श्रमिकों के अलावा बहुत से सरकारी और गैरसरकारी कर्मचारी बौद्ध मत को मानने वाले हैं. जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने सबसे पहले 2017 में बुद्ध पूर्णिमा के दिन छुट्टी देने का रिवाज शुरु किया गया था. लेकिन फिलहाल चाय बागानों की छुट्टी तालिका में बुद्ध पूर्णिमा का कोई जिक्र नहीं है.
पिछले तीन वर्षो से राज्य से संदेश प्राप्त कर चाय मालिक छुट्टी दे रहे हैं. चाय मालिक पक्ष एक संगठन टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टाई) डुआर्स शाखा के सचिव राम अवतार शर्मा ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा की सरकारी छुट्टी के लिए विज्ञप्ति मिलने के बाद सभी चाय बागानों में सर्कुलर भेज दिया गया है. डीबीआईटी के सचिव सुमंत ठाकुरता ने कहा कि पिछले दो वर्ष की तरह इस वर्ष भी चाय बागान में सवैतनिक छुट्टी रहेगा.
बौद्ध धर्मलंबी संगठन नॉर्थ बंगाल बुद्धिस्ट सोसाइटी ने बताया उत्तर बंगाल में 12 लाख बौद्ध धर्मालंबी निवास करते हैं. पहाड़, तराई, डुआर्स एवं तराई में चाय बागानों में बौद्ध धर्मालांबियों की संख्या लगभग आठ लाख है. नॉर्थ बंगाल बुद्धिस्ट सोसायटी साधारण सचिव विजय बरुआ ने बताया कि अब हमें आशिंक रूप से इसका लाभ मिलेगा. चाय श्रमिकों को प्रतिवर्ष छुट्टी के लिए प्रतिक्षा करना पड़ता था. सरकार से हम मांग करते हैं कि इसदिन छुट्टी के हिसाब में घोषणा की जाये.