जापानी इन्सेफेलाइटिस से महिला की मौत

घर-घर में हो रहे ज्वर से इलाके में छाया आतंक मालदा : जापानी इन्सेफेलाइटिस की चपेट में आकर एक गृहवधू की मौत हो गयी. मालदा शहर के एक नर्सिंग होम में वह पिछले कई दिनों से भर्ती थी. नर्सिंग होम के चिकित्सकों ने गृहवधू के रक्त जांच के बाद उसके जापानी इन्सेफेलाइटिस से पीड़ित होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2019 5:16 AM

घर-घर में हो रहे ज्वर से इलाके में छाया आतंक

मालदा : जापानी इन्सेफेलाइटिस की चपेट में आकर एक गृहवधू की मौत हो गयी. मालदा शहर के एक नर्सिंग होम में वह पिछले कई दिनों से भर्ती थी. नर्सिंग होम के चिकित्सकों ने गृहवधू के रक्त जांच के बाद उसके जापानी इन्सेफेलाइटिस से पीड़ित होने की जानकारी मिली. इसके साथ ही चांचल में अज्ञात ज्वर का आतंक छा गया है.

चांचल ग्राम पंचायत के विभिन्न इलाकों में अज्ञात ज्वर से बच्चे से लेकर वृद्ध सभी पीड़ित हो रहे है. हालांकि महकमा स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि इसे लेकर आतंकित होने जरुरत नहीं है. महिला की मौत को लेकर महकमा स्वास्थ्य विभाग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं जतायी है.

स्थानीय सूत्रों से पता चला है कि मृत गृहवधू अंजली चौधरी (53) चांचल के थानापाड़ा इलाके की निवासी थी. वह चांचल 2 नंबर ब्लॉक की अस्थायी कर्मचारी थी. पति मलय कुमार चौधरी ने बताया कि उसकी पत्नी कुछ दिनों से ज्वर से पीड़ित थीं. बीते मंगलवार को वह पत्नी अंजली को चांचल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती करवाया.लेकिन वहां उसकी शारीरिक स्थिति बिगड़ता जा रहा था. इसके बाद उसे मालदा शहर के एक नर्सिंग होम में भर्ती करवाया गया. बुधवार को इलाज के दौरान नर्सिंग होम में गृहवधू के रक्त की जांच की गयी.

इसमें जापानी इन्सेफेलाइटिस का पता चला. इसके बाद वहां से छुट्टी लेकर फिर गुरुवार को चांचल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में उसे भर्ती करवाया गया. लेकिन गरुवार रात ही उसकी मौत हो गयी. मृतका के पति मलय चौधरी का कहना है कि रोगी को इन्सेफेलाइटिस होने का पता अगर अस्पताल में ही सही समय पर चल जाता तो उसे बचाया जा सकता था. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. नर्सिंग होम में रक्त जांच के बाद बीमारी का पता चला.

लेकिन आर्थिक समस्या के कारण नर्सिंग होम में इलाज नहीं करवा पाया. घटना के बाद से इलाके में अज्ञात ज्वर का आतंक घर कर गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हर घर में बुखार के मरीज है. बच्चों और बुढ़े खात तौर पर इसकी चपेट में आ रहे है. इलाके में चारों ओर फैली गंदगी, कचरों के कारण मच्छरजनित बीमारियां बढ़ रही है.

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