35 वर्षों से कुएं का पानी पीने को विवश सात परिवार
चुनाव के समय सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं नेता जाड़े में सूख जाता है कुआं, एक किलोमीटर दूर से लाना पाड़ता है पानी रात में हाथियों के हमले से भी भयभीत रहते हैं ग्रामीण नागराकाटा : पिछले 35 वर्षों से सात परिवार एक ही कुंए का जल पी रहे हैं. वहीं रात में पानी […]
चुनाव के समय सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं नेता
जाड़े में सूख जाता है कुआं, एक किलोमीटर दूर से लाना पाड़ता है पानी
रात में हाथियों के हमले से भी भयभीत रहते हैं ग्रामीण
नागराकाटा : पिछले 35 वर्षों से सात परिवार एक ही कुंए का जल पी रहे हैं. वहीं रात में पानी लेने जाते समय हाथी के हमले का शिकार होना पड़ता है. शुद्ध पेयजल के लिए पंचायत से लेकर नेताओं का केवल आश्वासन ही मिलता रहा है. लेकिन शुद्ध पेयजल प्रदान करने के लिए आजतक कोई सामने नहीं आया है. यह कहानी कहीं ओर की नहीं बल्कि नागराकाटा ब्लॉक स्थित आंगराभाषा-1 ग्राम पंचायत स्थित हृदयपुर बस्ती इलाके की है.
वृद्ध ग्रामीण व्यक्ति भानु छेत्री का कहना है कई बार विभिन्न स्थानों पर समस्या समाधान के लिए गुजारिश की, लेकिन कोई काम नहीं हुआ. शाम होते ही इलाके में हाथियों का तांडव शुरू हो जाता है. रात को पानी की जरूरत पड़ने पर कई बार हाथियों का सामना भी हो जाता है. गांव की महिला सीता छेत्री ने बताया कि तीन से चार माह तक कुएं में पानी नहीं रहता है. उस समय एक किलोमीटर दूरी तय करके पानी लेने के लिए जाना पड़ता है.
इस प्रकार हमारा जीवन यापन चल रहा है. अम्बिका छेत्री का कहना है कि जन्म से ही मैं इसी कुआं को देखती आ रही हूं. सभी जगहों पर पानी के लिए विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं हैं, लेकिन यहां क्यों नहीं हो रहा यह समझ में नहीं आता. तृणमूल कांग्रेस आंगराभाषा-1 नंबर ग्राम अंचल अध्यक्ष राजेन फुयेल ने कहा कि गांववालों की समस्या कष्टदायक है. दलीय रूप से प्रशासन को इस विषय पर अवगत कराया है. उम्मीद है कि जल्द समस्या का समाधान हो जायेगा. नागराकाटा प्रखंड अधिकारी स्मृता सुब्बा ने कहा कि हृदयपुर बस्ती निवासियों की पेयजल की समस्या का जल्द समाधान किया जायेगा.