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विमल व रोशन की जमानत अर्जी कानूनसम्मत नहीं : राज्य सरकार

सर्किट बेंच में डिवीजन बेंच की सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ने दी दलील गोजमुमो नेताओं को लेकर सुनवाई फिर तीन सप्ताह टली जलपाईगुड़ी : गोजमुमो के भूमिगत नेता विमल गुरुंग और रोशन गिरि की जमानत की अर्जी कानूनसम्मत नहीं है. सोमवार को अंतरिम जमानत के आवेदन पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के एडवोकेट […]

सर्किट बेंच में डिवीजन बेंच की सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ने दी दलील

गोजमुमो नेताओं को लेकर सुनवाई फिर तीन सप्ताह टली
जलपाईगुड़ी : गोजमुमो के भूमिगत नेता विमल गुरुंग और रोशन गिरि की जमानत की अर्जी कानूनसम्मत नहीं है. सोमवार को अंतरिम जमानत के आवेदन पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त की इस दलील के बाद डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को दो सप्ताह में, जबकि आवेदक को तीसरे सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. इसके बाद एक बार फिर गोजमुमो नेताओं की अंतरिम जमानत पर सुनवाई तीन सप्ताह के लिए टल गयी.
सोमवार को एडवोकेट जनरल ने जमानत की अर्जी का विरोध किया, जिसके बाद उच्च अदालत के न्यायाधीश हरीश टंडन और हिरण्मय भट्टाचार्य ने उक्त आदेश दिये. वहीं, एक अन्य सरकारी अधिवक्ता अदितिशंकर चक्रवर्ती ने बताया कि एक अन्य मामले में विमल गुट के पूरण तमांग और शेखर राई समेत चार अभियुक्तों की जमानत की अर्जी इसी डिवीजन बेंच ने खारिज कर दी. उल्लेखनीय है कि ये दोनों भी जेल में बंद हैं. इस मामले में भी विमल गुरुंग अभियुक्त हैं. सुनवाई के दौरान दार्जिलिंग के एसपी और सीआइडी के डीएसपी मौजूद रहे.
सरकारी अधिवक्ता शाश्वत गोपाल मुखर्जी ने बताया कि करीब दो घंटे की बहस के बाद दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद डिवीजन बेंच के न्यायाधीशों ने निर्देश दिया कि हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करे राज्य सरकार कि अभियुक्तों को जमानत क्यों नहीं दी जा सकती.
उधर, विमल गुरुंग और रोशन गिरि के स्थानीय अधिवक्ता उरगेन लामा और सुप्रीम कोर्ट से आये वाईजे दस्तूर ने बताया कि राज्य सरकार के दो सप्ताह बाद हलफनामा दाखिल करने के बाद तीसरे सप्ताह में वे लोग हलफनामा दाखिल करेंगे जिसमें वे साबित करेंगे कि उनके मुवक्किल का आवेदन कानूनसम्मत और न्यायसम्मत है. इस बीच जानकारी मिली है कि मंगलवार से इसी डिवीजन बेंच में 28 जून तक सहयोगियों के कई मामलों में अग्रिम जमानत की सुनवायी चलेगी.
राज्य सरकार के एक अन्य अधिवक्ता सैकत चटर्जी ने बताया कि विमल गुरुंग और रोशन गिरि ने जिन 86 मामलों में अंतरिम जमानत की अर्जी दी है उसका हम लोग विरोध करते हैं. चूंकि इसके पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने इनके जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था. इसके अलावा दोनों अभियुक्तों की संपत्ति की कुर्की और नोटिस देने, गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बावजूद समर्पण नहीं करने और फरार रहने से इन दोनों ने जमानत मिलने का न्यायोचित अधिकार खो दिया है.

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