डेंगू का प्रकोप फैला, हरकत में आया सिलीगुड़ी महकमा परिषद

22 ग्राम पंचायतों के सभी गांवों में कंट्रोल टीम का गठन मत्स्य विभाग देगा 10 लाख गप्पी व तेलापिया मछलियां डेंगू प्रभावित इलाकों के तालाब-नालों में छोड़ी जायेंगी मछलियां सिलीगुड़ी : मॉनसून के दस्तक देते ही सिलीगुड़ी महकमा परिषद अंतर्गत गांवों में डेंगू का प्रकोप फैलने लगा है. सिलीगुड़ी शहर के बजाय इस बार डेंगू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2019 1:28 AM

22 ग्राम पंचायतों के सभी गांवों में कंट्रोल टीम का गठन

मत्स्य विभाग देगा 10 लाख गप्पी व तेलापिया मछलियां
डेंगू प्रभावित इलाकों के तालाब-नालों में छोड़ी जायेंगी मछलियां
सिलीगुड़ी : मॉनसून के दस्तक देते ही सिलीगुड़ी महकमा परिषद अंतर्गत गांवों में डेंगू का प्रकोप फैलने लगा है. सिलीगुड़ी शहर के बजाय इस बार डेंगू ने आसपास के इलाकों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर किया है.
माटीगाड़ा प्रखंड में दो और फांसीदेवा प्रखंड में डेंगू के एक मरीज की पहचान की गयी है. इनके खून में डेंगू के विषाणु पाये गये हैं. इन मरीजों के मॉक एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट आने के बाद ही सिलीगुड़ी महकमा परिषद द्वारा डेंगू से मुकाबला करने के लिए हर जरूरी इंतजाम शुरू किया जा रहा है.
महकमा परिषद सूत्रों के मुताबिक सभी 22 ग्राम पंचायतों के सभी गांवों में कंट्रोल टीम का गठन किया गया है. जो गांव-गांव, घर-घर घूम-घूम कर ग्रामीणों को अपने आसपास साफ-सफाई व पूरा परिवेश स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता अभियान चलायेगा. किस प्रखंड में कितने मरीज डेंगू से पीड़ित हैं, कब बुखार हुआ, इलाज कब शुरू हुआ और पीड़ितों की रक्त जांच हुई या नहीं, जैसे सभी तथ्यों का संग्रह करने का काम कंट्रोल टीम करेगी. इसके साथ ही विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एसएमपी को सौंपने का निर्देश भी टीम को दिया गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डेंगू से मुकाबला करने हेतु राज्य स्वास्थ्य विभाग की सलाह पर मत्स्य विभाग ने सिलीगुड़ी महकमा परिषद को 10 लाख मछली देकर सहयोग करने का फैसला लिया है. जल्द ही मत्स्य विभाग एसएमपी को गप्पी व कुछ तेलापिया मछली मुहैया करायेगा. एसएमपी इन मछलियों को डेंगू प्रभावित इलाकों के ऐसे तालाब-नालों में छोड़ेगा, जिनमें डेंगू मच्छरों के लार्वे अधिक होंगे. विशेषज्ञों की मानें तो छोटे आकार वाली गप्पी व तेलापिया मछलियां मच्छरों के लार्वे को खाकर नष्ट कर देती है. इससे डेंगू का प्रकोप काफी हद तक कम हो जाता है.

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