मुटिया-मजदूरों ने हक के लिए उठायी आवाज, प्रदर्शन

सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल की सबसे बड़ी गल्ला मंडी सिलीगुड़ी के खालपाड़ा नयाबाजार में बुधवार को सभी मुटिया-मजदूरों ने एकजुट हो सड़क पर उतरकर अपने हक और अधिकार के लिए आवाज बुलंद की. मजदूरी बढ़ाने व अन्य सामाजिक सुरक्षा जैसे जीवन बीमा, बोनस आदि मुहैया कराने के लिए सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी मजदूरों ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2019 1:31 AM

सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल की सबसे बड़ी गल्ला मंडी सिलीगुड़ी के खालपाड़ा नयाबाजार में बुधवार को सभी मुटिया-मजदूरों ने एकजुट हो सड़क पर उतरकर अपने हक और अधिकार के लिए आवाज बुलंद की. मजदूरी बढ़ाने व अन्य सामाजिक सुरक्षा जैसे जीवन बीमा, बोनस आदि मुहैया कराने के लिए सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी मजदूरों ने जमकर नारेबाजी की.

इसे लेकर विभिन्न राजनैतिक दलों के श्रमिक संगठन सीपीआई की एआईटीयूसी, माकपा की सीटू, कांग्रेस की इंटक और तृणमूल कांग्रेस की आइएनटीटीयूसी के संयुक्त बैनर तले नयाबाजार के बिहार मोड़ से पूरे मंडी में विरोध रैली निकाली गयी.
रैली नयाबाजार, नेहरू रोड, बर्दमान रोड, शिल्पांचल भवन, अग्रसेन रोड, गांधी मैदान, मंगतुराम रोड होते हुए वापस बिहार मोड़ पहुंचा और पथ सभा में तब्दील हो गया. पथ सभा को संबोधित करते हुए श्रमिक नेता सह दार्जिलिंग जिला लोडिंग-अनलोडिंग मजदूर यूनियन के संयुक्त सचिव श्याम सुंदर दास ने कहा कि मजदूरों के हक को लेकर जब भी गल्ला कारोबारियों की संगठन सिलीगुड़ी मर्चेंट्स एसोसिएशन (एसएमए) से बातचीत करने की कोशिश करती है तो पदाधिकारी बहानेबाजी कर मामले को टाल देते हैं. श्री दास का कहना है कि मुटिया-मजदूरों की दैनिक मजदूरी को लेकर एसएमए और श्रमिकों के बीच लिखित समझौते हुए थे, उसकी मियाद इसी वर्ष 31 मार्च को समाप्त हो गयी.
मजदूरी बढ़ाने व अन्य सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर जब भी बातचीत करने के लिए संपर्क किया जाता है तो एसएमए कभी लोकसभा चुनाव तो कभी और कुछ का हवाला देकर मामले को टाल देता है. श्री ने बताया कि मजदूरी की राशि बढ़ानी ही होगी. साथ ही सामाजिक सुरक्षा के तहत सभी मजदूरों का बीमा कराना होगा और बोनस भी देना होगा. साथ ही एसएमए मजदूरों के सरदारों की मौजूदगी में ही बातचीत करने का जो प्रस्ताव दिया है, वह सभी मजदूरों को मान्य है.
सरदारों की मौजूदगी में ही बातचीत होगी, लेकिन एसएमए इसके लिए तारीख निर्धारित करें. अन्य एक श्रमिक नेता सुरेंद्र सिंह ने कारोबारियों को चेतावनी देते हुए कहा अगर जल्द बातचीत नहीं हुई तो मजदूर वृहत्तर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
एसएमए के अध्यक्ष गोपाल खोरिया ने किया पलटवार
एसएमए के अध्यक्ष गोपाल खोरिया ने सभी आरोपों को बेबुनियाद ठहराते हुए पलटवार करते हुए कहा है कि मजदूरों के हक के लिए हम पीछे नहीं हटेंगे. हम कभी भी पीछे नहीं हटे हैं, बल्कि सभी कारोबारियों का कहना है कि चारों श्रमिक यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ मजदूरों के सरदारों की मौजूदगी में ही बातचीत हो.
साथ ही उन्होंने बोनस के मुद्दे पर कहा लोडिंग-अनलोडिंग करने के दौरान मजदूर ट्रक चालकों से प्रत्येक टन पर 25 फीसदी बोनस वसूलते हैं. इसके अलावे भी चाय-पानी के नाम पर रूपये लेते हैं. इससे गद्दी मालिकों को कोई लेना-देना नहीं है. फिर भी कोई गद्दी-मालिक खुशी से साल में एकाध बार अपने मजदूरों को पैसा देता है तो यह उस गद्दी मालिक का मामला है.
सभी मजदूरों को बोनस देना होगा, यह जोर-जबरदस्ती नहीं चल सकता. साथ ही उन्होंने कहा बीमे को लेकर मजदूर खुद तो क्या, श्रमिक संगठन ही गंभीर नहीं है. दो-तीन साल पहले ही बीमा करवाने के लिए सभी मजदूरों से वैध दस्तावेज जमा करने को कहा गया था. लेकिन मंडी में मजदूरों की जितनी संख्या है उससे काफी कम मजदूरों ने ही बीमा के लिए आवेदन किया.

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