सिलीगुड़ी: इन दिनों पूरा उत्तर बंगाल इंसेफ्लाइटिस नामक महामारी के चपेट में है. इंसेफ्लाइटिस को लेकर राज्य स्वास्थ मंत्रलय ने जहां उत्तर बंगाल में रेड अलर्ट जारी कर दिया है, वहीं इंसेफ्लाइटिस महामारी फैलने का दावा सुअर या अन्य पशुओं के खटालों, मच्छरों व अधिकांश समय पानी में रहने वाले पक्षियों को बताया है.
सिलीगुड़ी में इंसेफ्लाइटिस का अब तक एक भी मामला सामने नहीं आया है. लेकिन जिस तरह से स्थिति बिगड़ रही है उससे आने वाले दिनों में यही बीमारी यदि सिलगुड़ी शहर को भी अपने चपेट में ले ले तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए. क्योंकि प्रशासन ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए अबतक कोई पहल नहीं की है और पूरा शहर एक तरह से राम भरोसे है.
सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन की अब तक नींद नहीं टूटी है. पूरा शहर कचरों के ढेर पर आसीन है. शहर सुअर व अन्य पशुओं के खटालों में तब्दील हो चुका है. शहर के मुख्य सड़क हों या रिहायसी इलाके, अधिकांश वार्डो में साफ-सफाई न होने के कारण कचरों का ढेर लग चुका है. कचरों की ढुलाई न होने के कारण पशुओं ने इन ढेरों को अपना खटाल बना लिया है.
ऐतिहासिक सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन आज सुअर अन्य पशुओं व पक्षियों का विश्रमागार बन चुका है. वहीं एक नंबर व तीन नंबर वार्ड के महानंदा नदी का किनारा भी खटालों के कब्जे में है. साथ ही विधान रोड, हिलकार्ट रोड, महावीरस्थान, गल्लामंडी नया बाजार, विवेकानंद रोड, गुरूंगबस्ती, प्रधाननगर का चम्पासारी मोड़, कच्चे मालों की मंडी सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट समेत शहर का रिहायसी इलाका पंजाबीपाड़ा, आश्रमपाड़ा, हैदरपाड़ा, हाकिपाड़ा, मिलनपल्ली, खालपाड़ा व अन्य इलाकों में भी कचरों के ढेर के कारण लोगों का जीना दूभर हो गया है. सड़कों पर चलने के दौरान लोगों को नाक व भौं सिकुड़ कर चलना पड़ता है. साफ-सफाई को लेकर निगम प्रशासन अब तक कोई उचित कदम नहीं उठा पायी है. साफ-सफाई को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने निगम में कई बार आंदोलन भी किया गया इसके बावजूद प्रशासन गंभीर नहीं है. साफ-सफाई के मद्देनजर निगम के आयुक्त सोनम वांग्दी भुटिया से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.