जल संरक्षण l बचे हुए पानी से की जायेगी ट्रेन की बोगियों, शौचालयों और रेललाइन की सफाई
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मालदा रेल ने लॉउंड्री का 50 हजार लीटर पानी बचाया
जल संरक्षण l बचे हुए पानी से की जायेगी ट्रेन की बोगियों, शौचालयों और रेललाइन की सफाई मालदा : देश में भूगर्भस्थ जल की कमी के मद्देनजर मालदा रेल डिवीजन ने जल संरक्षण पर जोर देना शुरु किया है. इसके तहत प्रतिदिन रेल की लॉउड्री में उपयोग में लाये जाने वाले 50 हजार पानी को […]
मालदा : देश में भूगर्भस्थ जल की कमी के मद्देनजर मालदा रेल डिवीजन ने जल संरक्षण पर जोर देना शुरु किया है. इसके तहत प्रतिदिन रेल की लॉउड्री में उपयोग में लाये जाने वाले 50 हजार पानी को साफकर उसे दोबारा उपयोगी बनाया जा रहा है. इस पानी से ट्रेन की बोगी और कंपार्टमेंट, शौचालय, प्लेटफार्म और रेलवे पटरी को धोया जायेगा.
अब तक यह पानी नाली से बहा दिया जाता था. लेकिन अब इस पानी का दोहरा उपयोग किये जाने से पानी की बचत होगी. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्तर पर भूगर्भस्थ पानी के भंडार में कमी को देखते हुए रेलवे के मालदा डिवीजन ने यह फैसला लिया है. सूत्र ने बताया कि इसी कड़ी में वर्षा के जल का भी संरक्षण कर उसे उपयोग में लाया जायेगा.
मालदा की डीआरएम तनु चंद्रा ने बताया कि वेस्टेज वाटर ट्रीटमेंट के माध्यम से लौंड्री का पानी उपयोग में लाने लायक बनाया जायेगा. मालदा रेल सूत्र के अनुसार विभिन्न दूरगामी ट्रेनों के परदे, चादर, तौलिये, तकिये के कवर धोने के लिये प्रतिदिन 50 हजार लीटर पानी खर्च होता था. अब इस पानी का दोबारा उपयोग बोगी और प्लेटफार्म आदि की धुलाई काम किया जायेगा. हालांकि यह पानी पीने लायक नहीं होगा. इससे सफाई वगैरह का काम किया जा सकेगा. भविष्य में भागलपुर स्टेशन में भी लौंड्री के पानी का परिशोधन कर उसे उपयोगी बनाया जायेगा. इसके अलावा वर्षा के जल का भी संरक्षण कर उसे उपयोगी बनाने पर विचार किया जा रहा है.
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