भोरेर आलो में बनेंगे 50 नये टूरिस्ट कॉटेज
पर्यटन मंत्री ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ की बैठक दुर्गा पूजा से पहले 20 से 30 कॉटेज होंगे चालू मंत्री ने कहा : सालुगाढ़ा से बंगाल सफारी के रास्ते में वॉच टावर का होगा निर्माण, लगाये जायेंगे सीसीटीवी कैमरे सिलीगुड़ी : राज्य पर्यटन विभाग की ओर टूरिस्टों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भोरेर […]
पर्यटन मंत्री ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ की बैठक
दुर्गा पूजा से पहले 20 से 30 कॉटेज होंगे चालू
मंत्री ने कहा : सालुगाढ़ा से बंगाल सफारी के रास्ते में वॉच टावर का होगा निर्माण, लगाये जायेंगे सीसीटीवी कैमरे
सिलीगुड़ी : राज्य पर्यटन विभाग की ओर टूरिस्टों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भोरेर आलो में 50 नये टूरिस्ट कॉटेज बनाये जायेंगे. दुर्गा पूजा से पहले 20 से 30 कॉटेज को चालू करने की योजना है. इसके अलावे सालुगाढ़ा से बंगाल सफारी के रास्ते में वॉच टावर निर्माण तथा सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. इसके साथ हाथी सफारी को भी शुरू किया जायेगा. शुक्रवार को मैनाक टूरिस्ट लॉज में पर्यटन मंत्री गौतम देव ने मीडियाकर्मियों को यह जानकारी दी.
भोरेर आलो पर्यटन केंद्र के तहत गाजलडोबा गेट निर्माण तथा अन्य जरूरी विषयों को लेकर मंत्री ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ शुक्रवार को मैनाक टूरिस्ट लॉज में एक बैठक की. बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए गौतम देव ने कहा कि भोरेर आलो में पर्यटन विभाग ने 50 नये कॉटेज बनाने का फैसला लिया है. मंत्री ने कहा कि दुर्गा पूजा से पहले गजलडोबा में 20 से 30 नये कॉटेज बनकर तैयार हो जायेंगे. इसके अलावे सालुगाढ़ा से गाजलडोबा के नवनिर्मित रोड का और बेहतर किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा को देखते हुए रास्ते में वॉच टावर निर्माण व सीसीटीवी कैमरा लगाने की भी योजना है. बड़ी गाड़ियां उस रास्ते में प्रवेश ना कर सके, इसकी निगरानी की जायेगी. मंत्री ने कहा कि पर्यटकों के लिए हाथी सफारी चालू करने पर काम चल रहा है. इसके लिए बाहर से चार हाथियों को मंगवाया जायेगा.
वहीं दूसरी ओर मंत्री ने कहा कि गाजलडोबा फ्लाइओवर निर्माण में जमीन खोनेवाले 14 परिवारों को मुआवजा देने को लेकर उन्होंने गुरुवार को भी चर्चा की थी. इसके अलावे सरकार की ओर से जिस स्थान पर पुनर्वास देने की बात कही गई है, वहां बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जायेगा. मंत्री ने कहा कि इस काम में राज्य पर्यटन विभाग पैसा खर्च करेगी.
उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी ने भी इसमें सहयोग करने पर सहमति जतायी है. उन्होंने कहा कि पूरे काम के लिए सरकार को 5 एकड़ जगह की आवश्यकता है. जमीन का अधिग्रहण करने के बाद पोखर की जमीन बचने पर लोगों को वापस कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं से बातचीत हुई है. बहुत जल्द टेंडर निकाल काम शुरू किया जायेगा.