रेलवे के निजीकरण पर तकरार, विभिन्‍न ट्रेड यूनियनों का विरोध प्रदर्शन

सिलीगुड़ी : रेलवे के निजीकरण के खिलाफ गुरुवार को ज्वाइंट प्लेटफार्म ऑफ सेंट्रल ट्रेड यूनियन एंड इंडिपेंडेंट फेडरेशन के दार्जिलिंग जिला इकाई के बैनर तले इंटक, सीटू, एआईटीयूसी, एनआफआरयूएम व अन्य ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने एनएफ रेलवे के एनजेपी एरिया ऑफिस का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया.इसके साथ प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2019 1:13 AM

सिलीगुड़ी : रेलवे के निजीकरण के खिलाफ गुरुवार को ज्वाइंट प्लेटफार्म ऑफ सेंट्रल ट्रेड यूनियन एंड इंडिपेंडेंट फेडरेशन के दार्जिलिंग जिला इकाई के बैनर तले इंटक, सीटू, एआईटीयूसी, एनआफआरयूएम व अन्य ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने एनएफ रेलवे के एनजेपी एरिया ऑफिस का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया.इसके साथ प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला भी जलाया गया. इस मौके पर यूनियन सदस्यों ने एडीआरएम के माध्यम से रेल मंत्री पीयूष गोयल को ज्ञापन सौंपा.

विरोध प्रदर्शन कर रहे ट्रेड यूनियन के नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार रेलवे का निजीकरण करके देश को खोखला कर रही है. सरकार की गलत नीतियों के चलते देश के श्रमिक वर्ग का शोषण हो रहा है. सरकार के इस नीतियों का पूरे देश में विरोध जताया जा रहा है.
विरोध प्रदर्शन और घेराव सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर के 1 बजे तक चला. इस दौरान विभिन्न ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.इस विषय पर सीटू के दार्जिलिंग जिला सचिव समन पाठक ने बताया कि बजट में सरकार ने रेलवे ने 600 स्टेशन तथा 7 लोकोमोटिव फैक्टरियों को प्राइवेट कंपनियों के हाथ में देने का फैसला लिया है.
उन्होंने कहा कि इससे रेलवे के श्रमिकों को कोई फायदा नहीं होगा. बल्कि उनकी नौकरी खतरे में पड़ जायेगी. उन्होंने कहा कि रेलवे के रायबरेली, चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स, बंगलुरू रेल कोच फैक्टरी ने पिछले 5 वर्षों में बेहतर काम किया है.
उन्होंने कहा कि रेलवे की एलएचबी मैन्युफैक्चरिंग का कुल खर्च 2 करोड़ का है लेकिन इसे बाहर से मंगवाने में 5 करोड़ का खर्च आयेगा. ऐसे अहम मुद्दों पर सभी ट्रेड यूनियन ने रेलवे का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है.
श्री पाठक ने बताया कि घेराव और विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य रेलवे के निजीकरण को रोकना है. अगर इस पर रोक नहीं लगायी गयी तो उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा. इस दौरान इंटक की ओर से आलोक चक्रवर्ती व अन्य ट्रेड यूनियन नेता भी उपस्थित थे.

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