हरियाली तीज उत्सव में दिखा ‘नारी शक्ति’ का हर रंग
पापरंपरिक गीतों पर महिलाओं ने लगाये ठुमके खूब की हंसी-ठिठोली सिलीगुड़ी :आयो रे आयो रंगीलो सावन…, आयो तीज त्योहार…, सावन में मोरनी बनकर मैं तो छम्म-छम्म नाचूं…, अब तो आजा परदेसी सावन का महीना आया है… जैसे राजस्थानी लोक गीतों पर विवाहिताओं ने खूब ठुमके लगाये. वहीं नानी तेरी मोरनी को मोर ले गये… गीत […]
पापरंपरिक गीतों पर महिलाओं ने लगाये ठुमके खूब की हंसी-ठिठोली
सिलीगुड़ी :आयो रे आयो रंगीलो सावन…, आयो तीज त्योहार…, सावन में मोरनी बनकर मैं तो छम्म-छम्म नाचूं…, अब तो आजा परदेसी सावन का महीना आया है… जैसे राजस्थानी लोक गीतों पर विवाहिताओं ने खूब ठुमके लगाये.
वहीं नानी तेरी मोरनी को मोर ले गये… गीत की धुन पर एक बच्ची ने मनमोहक नृत्य पेश कर सभी का मन बाग-बाग कर दिया. एक अन्य बालिका ने शिव तांडव कर सबको अचंभित कर दिया. मौका था मारवाड़ी समाज की महिलाओं के संगठन ‘नारी सशक्तीकरण’ द्वारा आयोजित ‘हरियाली तीज’ उत्सव का.
बुधवार को शहर के एसएफ रोड संलग्न सोमानी मिल कंपाउंड स्थित तेरापंथ भवन के सभाकक्ष में आयोजित उत्सव में हर उम्र की महिलाओं ने शिरकत की और जमकर हंसी-ठिठोली की. सभी ने उत्सव का भरपूर आनंद उठाया. महोत्सव का उद्घाटन समाजसेवी सूरज देवी पारख ने किया. शुभारंभ गणेश वंदना पर नृत्य से हुआ.
महोत्सव में बड़ी संख्या में महिलाएं हरी साड़ी या पोशाक पहनकर और सोलह शृंगार करके आयोजन में शामिल हुईं. रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान अच्छे नृत्य, परिधान और शृंगार के लिए महिलाओं को चयनित कर सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम के बीच-बीच में किये गये सवालों का सटीक जवाब देनेवाली महिलाओं, बालिकाओं व युवतियों को हाथोंहाथ उपहार दिये गये. सभी प्रतियोगिताओं का फैसला आमंत्रित समाजसेविका आरती अग्रवाल व सरिता अग्रवाल ने किया. उत्सव के दौरान महिलाओं द्वारा ही लगाये गये राखी, कुर्ती, लहंगा-साड़ी, बेडशीट, घर की सजावट की चीजों, भगवान की पोशाक व पूजा के सामान, केक-बेकरीज, स्नैक्स आदि के स्टॉलों से महिलाओं खरीदारी की. साथ ही तरह-तरह के व्यंजनों का भी जायका लिया. कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजिका शशि कला बैद, सह-संयोजिका मंजु लुणावत, प्रायोजिका संतोष देवी पारख, उमा नौलखा, डिंपल बोथरा, निधि सेठिया आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही.