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जंगल से निकलकर बीच सड़क पर खड़ा हुआ हाथी

दोनों किनारे लगी गाड़ियों की कतार पर्यटकों ने खींची तस्वीरें रेड बैंक चाय बागान से डायना चाय बागान में प्रवेश करने का कर था प्रयास नागराकाटा : रेड बैंक और देवपाड़ा चाय बागान के बीचो-बीच स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार की शाम एक विशाल हाथी निकलने से देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ लग गयी. […]

दोनों किनारे लगी गाड़ियों की कतार पर्यटकों ने खींची तस्वीरें

रेड बैंक चाय बागान से डायना चाय बागान में प्रवेश करने का कर था प्रयास

नागराकाटा : रेड बैंक और देवपाड़ा चाय बागान के बीचो-बीच स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार की शाम एक विशाल हाथी निकलने से देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ लग गयी. उक्त हाथी रेड बैंक चाय बागान से डायना चाय बागान की ओर प्रवेश करने का प्रयास कर रहा था. घंटों तक रोड के दूसरे छोर पर बैठने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के बाद रेलवे ट्रैक पार करता हुआ डायना चाय बागान में प्रवेश कर गया. हाथी नजर आने के बाद देखने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों व लोगों की भीड़ लग गयी.

लोग हाथी को देखकर फोटो खींचने का प्रयास कर रहे थे. जब हाथी राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच में आकर खड़ा हुआ तो कुछ वाहनों पर हमले का प्रयास भी किया. देवपाड़ा और रेड बैंक चाय बागान स्थित इस मार्ग को हाथियों का कोरिडोर माना जाता है. हाथियों का मुख्य कोरिडोर वाले मार्ग पर कुछ महीने पहले दो हाथियों की ट्रेन से टक्कर मौत हो गयी थी. जिसके कारण ट्रेन की गति को कम कर दिया गया था. आज हाथी निकलने के बाद भी वनकर्मियों को घटनास्थल पर नहीं देखा गया.

स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस तरह हाथी राष्ट्रीय राजमार्ग होते हुए रेल पटरी पार कर जंगल में प्रवेश करने की घटना से फिर एक बार दुर्घटना घटने की प्रबल संभावना को देखा जाने लगा है. यह मार्ग हाथी कोरिडोर है. यहां हाथी की सुरक्षा के लिए वनकर्मियों को तैनात करना चाहिए. लेकिन आज वनकर्मियों को नहीं देखा गया. इसलिए फिर एक बार हाथियों की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न खड़ा होने की बात कही है. इससे पहले भी कई हाथियों के ट्रेन से कटने की घटनाएं घट चुकी हैं. इन सभी घटनाओं से वन विभाग को सचेत होना चाहिए.

जंगल में भटक रहा तीर लगा जख्मी हाथी

बानरहाट : धूपगुड़ी ब्लॉक अंतर्गत डायना चाय बागान इलाके में तीर लगा एक जख्मी हाथी देखा गया है. मंगलवार की शाम को इस हाथी को चाय बागान के अर्जुनबाड़ी डिवीजन में देखा गया. इस हाथी को देखने के लिये काफी लोगों की भीड़ जमा हो गयी थी.

तीर लगने से यह हाथी इतना परेशान था कि वह डायना चाय बागान से निकलकर रेड बैंक चाय बागान के निकट रेललाइन पार करने की कोशिश कर भी पार करने की हिम्मत नहीं जुटा सका. उसके बाद वह वापस डायना टोलगेट बीट के जंगल में घुस गया. सभी ने एक स्वर से हाथी को तीर से मारकर जख्मी करने की घटना की निंदा की है. लोगों ने हाथी की तलाश कर उसका इलाज करने का अनुरोध वन विभाग से किया है. बानरहाट के पर्यावरण प्रेमी विक्टर बसु ने बताया कि जिसने भी यह काम किया है वह घोर निंदनीय है.

ये वन्य प्राणी भोजन की तलाश में बस्ती इलाकों में चले आते हैं. इसका मतलब इन्हें किसी तरह का नुकसान पहुंचाना नहीं होना चाहिये. वन विभाग को जख्मी हाथी की तलाश कर उसके इलाज की व्यवस्था होनी चाहिये. वहीं, बस्ती इलाकों में हाथियों की आवाजाही पर निगरानी होनी चाहिये. डायना टोलगेट बीट ऑफिसर नारायण चंद्र साहा ने कहा कि हाथी फिलहाल जंगल के भीतर है. हम लोग जल्द उसकी खोज कर उसके इलाज की व्यवस्था करेंगे.

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