देवी चौधरानी मंदिर की खुदाई में मिले प्राचीन अवशेष
आश्चर्य : निर्माण संस्था ने डीएम को सौंपी पुरातन सामग्री, सुरक्षा का बंदोबस्त करने का किया अनुरोध जलपाईगुड़ी :शिकारपुर में देवी चौधरानी मंदिर के पुनर्निर्माण में जुटी संस्था को निर्माण स्थल की खुदाई से कुछ महत्वपूर्ण पुरातात्विक अवशेष मिले हैं, जिन्हें जिला प्रशासन को सौंप दिया गया है. सोमवार को विउ मैनेजमेंट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के […]
आश्चर्य : निर्माण संस्था ने डीएम को सौंपी पुरातन सामग्री, सुरक्षा का बंदोबस्त करने का किया अनुरोध
जलपाईगुड़ी :शिकारपुर में देवी चौधरानी मंदिर के पुनर्निर्माण में जुटी संस्था को निर्माण स्थल की खुदाई से कुछ महत्वपूर्ण पुरातात्विक अवशेष मिले हैं, जिन्हें जिला प्रशासन को सौंप दिया गया है. सोमवार को विउ मैनेजमेंट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी अभिषेक तिवारी को खुदायी में मिले भाले का फल, प्राचीन मुद्रा और मंदिर के प्रवेश-द्वार पर रहे पत्थर से बनी बाघ की छह मूर्तियां सौंप दीं.
सोसाइटी की प्रभारी अधिकारी झरना घोष ने बताया कि जिलाधिकारी को निर्माण स्थल पर पुलिस पिकेट बैठाने की मांग की गयी है ताकि अवांछित लोग वहां से पुरानी सामग्री की चोरी कर न ले जाने पायें. इस संबंध में जिलाधिकारी ने उन्हें भरोसा दिया है कि जब तक उन्हें इनकी जरूरत नहीं होगी तब तक ये सामग्री उनकी हिफाजत में रहेंगी.
झरना घोष ने बताया कि पुरातात्विक अवशेषों के मिलने के बाद वहां के कुछ लोगों की उत्सुकता कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है. इससे जहां निर्माण कार्य में दिक्कत आ रही है वहीं, सुरक्षा का मसला गंभीर हो गया है. इसलिये जिलाधिकारी से वहां पुलिस पिकेट बैठाने की मांग की गयी है. जिलाधिकारी ने कहा है कि वे एसपी से बात कर इस पर विचार करेंगे.
मंदिर निर्माण से संबंधित भास्कर्य शिल्पी विश्वजीत घोष ने बताया कि जो छह बाघों की मूर्तियां बरामद हुई हैं वे मंदिर में पहले से थीं. मंदिर बनने पर उन्हें फिर से स्थापित किया जायेगा. मंदिर परिसर की खुदायी करने के दौरान और भी पुरातात्विक अवशेष मिल सकते हैं. रात के समय इनकी चोरी हो सकती है. राज्य हेरिटेज कमीशन से संबद्ध उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के मातहत उत्तरबंग हेरिटेज कमेटी के पूर्व को-ऑर्डिनेटर डॉ आनंदगोपाल घोष ने बताया कि शिकारपुर के देवी चौधरानी मंदिर को वर्ष 2011 में राज्य सरकार ने हेरिटेज का दर्जा दे दिया था. उत्तरबंगाल के वरिष्ठ लेखक उमेश शर्मा ने कहा कि इन पुरातात्विक अवशेषों का अध्ययन जरूरी है.
उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी के यहां सामग्री जमा देने के दौरान राजगंज से विधायक खगेश्वर राय भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि बाघों के अलावा जो सामग्री मिली हैं उन्हें मंदिर परिसर में बने संग्रहालय में रखा जायेगा. वहीं, जिलाधिकारी अभिषेक तिवारी ने बताया कि हमने इन सामग्रियों को अपनी हिफाजत में रखा है. जब जैसी जरूरत होगी ये लोग ले जा सकते हैं.