विमल और रोशन को राहत नहीं, 5 हफ्ते टली सुनवाई

सरकारी पक्ष ने देश में मौजूदगी नहीं होने का दावा करते हुए जमानत पर की आपत्ति जलपाईगुड़ी : सोमवार को भी गोजमुमो के भूमिगत नेता विमल गुरुंग और रोशन गिरि को हाइकोर्ट की डिवीजन बेंच से जमानत नहीं मिली. सोमवार को सर्किट बेंच की अदालत ने दोनों नेताओं के खिलाफ लंबित मामलों को लेकर सुनवाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2019 1:37 AM

सरकारी पक्ष ने देश में मौजूदगी नहीं होने का दावा करते हुए जमानत पर की आपत्ति

जलपाईगुड़ी : सोमवार को भी गोजमुमो के भूमिगत नेता विमल गुरुंग और रोशन गिरि को हाइकोर्ट की डिवीजन बेंच से जमानत नहीं मिली. सोमवार को सर्किट बेंच की अदालत ने दोनों नेताओं के खिलाफ लंबित मामलों को लेकर सुनवाई पांच सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है. इस बीच उच्च अदालत ने सरकारी पक्ष और बचाव पक्ष से अभियुक्तों की मौजूदगी को लेकर हलफनामा मांगा है.
अगले दो सप्ताह के भीतर अभियोजन पक्ष को, जबकि उसके अगले दो सप्ताह में बचाव पक्ष को हलफनामा जमा करने के लिए कहा गया है. इससे स्पष्ट हो सकेगा कि ये फरार अभियुक्त फिलहाल कहां हैं.
उल्लेखनीय है कि सरकारी पक्ष ने अदालत को जानकारी दी है कि उनके पास खबर है कि अभियुक्त देश से बाहर हैं. सोमवार को मामलों की सुनवाई के शुरू में राज्य सरकार के पक्ष से एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने इस बात को लेकर अदालत को आगाह किया कि दोनों अभियुक्त देश छोड़कर चले गये हैं.
इसलिए इनकी अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज होनी चाहिए. वहीं, बचाव पक्ष के वकील वाइजे दस्तूर ने बताया कि उन्हें यह बतलाया गया है कि विमल गुरुंग दिल्ली में हैं. न्यायाधीश जयमाल्य बागची और संजीत मंडल ने सवाल किया कि इतने दिनों से इन मामलों की सुनवाई हो रही है, लेकिन अब तक किसी पक्ष ने यह दावा नहीं किया था. यहां तक कि जांच अधिकारी तक ने इसका उल्लेख कहीं नहीं किया है. इसके समर्थन में वे कोई सबूत पेश नहीं कर सके हैं.
बेंच ने यह भी कहा कि अगर दोनों पक्ष राजी हों तो वे हाइकोर्ट के प्रिंसिपल बेंच के समक्ष इस बारे में अपील कर सकते हैं. इस प्रसंग में सरकारी पक्ष के अधिवक्ता शाश्वत गोपन मुखर्जी ने बताया कि उन्होंने दावा किया था कि विमल गुरुंग और रोशन गिरि देश से बाहर हैं. अदालत के आदेश के मुताबिक वे हलफनामा दाखिल करेंगे. वहीं, विमल गुरुंग के पक्ष के वकील आनंद भंडारी ने बताया कि अदालत ने पांच सप्ताह के बाद सुनवाई का दिन मुकर्रर किया है. उसी रोज वे अपना पक्ष रखेंगे.

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