20% बोनस दे पाना बागान मालिकों के लिए संभव नहीं : डीटीए

बोनस दे पाना बागान मालिकों के लिए संभव नहीं : डीटीए श्रमिक संगठनों को मालिकों की समस्या भी समझनी चाहिए दार्जिलिंग चाय का उत्पादन पहले के मुकाबले रह गया है आधा विश्व बाजार में मांग में भी 22 प्रतिशत की आ चुकी है गिरावट दार्जिलिंग : बागान मालिकों के संगठन, दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (डीटीए) के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2019 4:19 AM

बोनस दे पाना बागान मालिकों के लिए संभव नहीं : डीटीए

श्रमिक संगठनों को मालिकों की समस्या भी समझनी चाहिए
दार्जिलिंग चाय का उत्पादन पहले के मुकाबले रह गया है आधा
विश्व बाजार में मांग में भी 22 प्रतिशत की आ चुकी है गिरावट
दार्जिलिंग : बागान मालिकों के संगठन, दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (डीटीए) के प्रमुख सलाहकार संदीप मुखर्जी ने कहा है कि चाय बगानों के मालिक इस बार पूजा के अवसर पर 20% बोनस देने की स्थिति में नहीं हैं. शहर के नेहरू रोड स्थित डीटीए के कार्यालय में श्री मुखर्जी ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पहाड़ के चाय बगान मालिकों की आर्थिक अवस्था ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा कि सन 1995 तक दार्जिलिंग चाय का उत्पादन 140 लाख किलोग्राम रहा था, लेकिन आज यह घटकर केवल 70 लाख किलोग्राम रह गया है. इसके अलावा विश्व बजार में भी दार्जिलिंग चाय की बिक्री में 22 प्रतिशत की कमी आयी है. ऐसी स्थिति में बगान मालिकों का मुनाफा काफी कम हो गया है और उनके लिए 20 प्रतिशत पूजा बोनस देना संभव नहीं है.
संदीप मुखर्जी ने कहा कि 2017 में दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र 105 दिनों तक बंद रहा, उसके चलते दार्जिलिंग चाय का उत्पादन घटकर केवल 30 लाख किलोग्राम रह गया था. उस वक्त सरकार से सहयोग की गुहार लगायी गयी थी, लेकिन सरकार ने कोई सहयोग नहीं किया. श्री मुखर्जी ने कहा कि जिस प्रकार श्रमिक संगठनों चाय बगानों की गेट मीटिंग, पोस्टरिंग आदि के जरिये बोनस के विषय को उठा रहे हैं उससे स्थिति और खराब हो सकती है. उन्होंने श्रमिक संगठनों से चाय बगानों के मालिकों की परेशानी को समझने का आग्रह किया.
दार्जिलिंग टी एसोसिएशन के प्रमुख सलाहकार ने यह भी कहा कि बगान के मालिक अपने मजदूरों को कानूनन तय न्यूनतम दर पर 8.33 प्रतिशत बोनस दे सकते हैं. इससे ज्यादा पूजा बोनस देने की स्थिति नहीं है. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि इसी सप्ताह पूजा बोनस को लेकर दूसरे चरण की बैठक बुलायी जा सकती है. इधर, श्रमिक संगठनों ने 20 प्रतिशत से कम पूजा बोनस स्वीकार नहीं करने की बात दोहरायी है.

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