डीमा व बसरा नदी के तटों पर उमड़े श्रद्धालु
कालचीनी : आदिवासी संप्रदाय में सर्वश्रेष्ठ उत्सव करम पूजा माना जाता है. अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी ब्लॉक स्थित विभिन्न इलाके में करम पूजा के अवसर पर आदिवासी समुदाय के लोग रातभर झूमते-गाते करम पूजा मनाये एवं वे पूजा विसर्जन के लिए एकजुट होकर मंगलवार सुबह नदी में उपस्थित हुए. वही प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष […]
कालचीनी : आदिवासी संप्रदाय में सर्वश्रेष्ठ उत्सव करम पूजा माना जाता है. अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी ब्लॉक स्थित विभिन्न इलाके में करम पूजा के अवसर पर आदिवासी समुदाय के लोग रातभर झूमते-गाते करम पूजा मनाये एवं वे पूजा विसर्जन के लिए एकजुट होकर मंगलवार सुबह नदी में उपस्थित हुए. वही प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी कालचीनी के डीमा नदी में सार्वजनिक करम आखरा विसर्जन कमेटी के और से करम विसर्जन का भव्य आयोजन किया गया.
इस दौरान प्रखंड के विभिन्न ने चाय बागान इलाके के आदिवासी समुदाय के लोग हजारों-हजारों की तादात में नदी में उपस्थित हुए थे जहां मांदल ढोल बजाते हुए आदिवासी महिलाएं सांस्कृतिक नृत्य के साथ खुशियों से झूमते हुए दिखे गये. इसके अलावे नदी मे आदिवासी सांस्कृतिक व आर्केस्ट्रा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. दूसरी और कालचीनी के बसरा नदी में करम विसर्जन कमेटी के तत्वाधान में करम विसर्जन का आयोजन किया गया जहा मधु चाय बागान, सताली चाय बागान, बीच चाय बागान, मैचपाड़ा चाय बागान जैसे विभिन्न इलाके के श्रद्धालुगण करम विसर्जन करने पहुंचे हुए थे.
इस बिषय में सर्वजनिक करम आखरा विसर्जन कमेटी के ओर से तफिल सोरेन ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी डिमा नदी में हमलोगों का करम विसर्जन किया गया एवं आज का हमसब आदिवासी समुदाय के लोग एकजुट होकर नदी में उत्साह के संस्कृतिक कार्यक्रम में लीन हो चुके है. उन्होंने कहा कार्यक्रम के दौरान यहा रांची झारखंड से गायकार आये हुए थे जिनके माध्यम से नदी में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ाया गया.