बंद रहीं दुकानें, थमे रहे ट्वॉय ट्रेन के पहिये

श्रमिक संगठनों ने की थी 12 घंटे पहाड़ बंद की घोषणा दार्जिलिंग : चाय बागान श्रमिकों के पूजा बोनस की मांग को लेकर शुक्रवार को बुलाया गया पहाड़ बंद शांतिपूर्ण रहा. इस दौरान शहर से लेकर चाय बागान समेत विश्व प्रसिद्ध दार्जिलिंग हिमालयन ट्वाय ट्रेन सेवा भी बंद रही. पहाड़ के चाय श्रमिकों के पूजा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2019 2:46 AM

श्रमिक संगठनों ने की थी 12 घंटे पहाड़ बंद की घोषणा

दार्जिलिंग : चाय बागान श्रमिकों के पूजा बोनस की मांग को लेकर शुक्रवार को बुलाया गया पहाड़ बंद शांतिपूर्ण रहा. इस दौरान शहर से लेकर चाय बागान समेत विश्व प्रसिद्ध दार्जिलिंग हिमालयन ट्वाय ट्रेन सेवा भी बंद रही. पहाड़ के चाय श्रमिकों के पूजा बोनस को लेकर चाय बागान के मालिक पक्ष और श्रमिक संगठनों के बीच पांच बार बैठक हो चुकी है, लेकिन उन बैठकों में कोई निर्णय नहीं होने पर श्रमिक संगठनों ने राज्य सरकार से हस्तक्षेप की इच्छा जाहिर की थी.
इस बीच पिछले 27 सितंबर को राज्य के श्रम मंत्रालय ने कोलकाता के सचिवालय में त्रिपक्षीय बैठक बुलाया था. आयोजित बैठक में राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक स्वयं उपस्थित रहे थे. आयोजित बैठक में मालिक पक्ष ने बागान के नुकसान में होने की बात रखी थी.
श्रमिक संगठनों ने मालिकों की बातों को खारिज करते हुए 20 प्रतिशत पूजा बोनस की मांग की थी. काफी लंबे समय तक चले बैठक चले बैठक में कोई निर्णय नहीं होने पर श्रम मंत्री मलय घटक ने 15 प्रतिशत का प्रस्ताव रखा. हालांकि उक्त प्रस्ताव पर मालिक पक्ष ने किश्त में भुगतान करने की बात कही. जिसपर विरोध जताते हुए श्रमिक संगठन बैठक का बहिष्कार कर निकल गये. इसके बाद ऑल पार्टी ट्रेड यूनियन ने एक बैठक बुलाकर क्रमिक अनशन पर बैठने और चार अक्टूबर को 12 घंटा पहाड़ बंद करने की घोषणा की थी. जिसके तहत शुक्रवार सुबह छह बजे से पहाड़ बंद रहा.
मिली जानकारी के अनुसार पहाड़ बंद के दौरान शहर के बाजार से लेकर चाय बागान पूर्णत: बंद रहा. दार्जिलिंग का प्रसिद्ध हिमालयन ट्वाय ट्रेन के पहिये भी थमे रहे. इधर इस संदर्भ में सदर पुलिस सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार बंद के दौरान दार्जिलिंग क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. वहीं श्रमिक नेता सुनील राई ने कहा कि पहाड बंद के दौरान कहीं भी किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि 12 घंटा पहाड़ बंद पूर्णत: सफल रहा.
बातचीत के दौरान श्रमिक नेता श्री राई ने कहा कि अब दशहरा आ चुका है. इसलिए कोई भी कार्यक्रमों की घोषणा करने से पहले सभी श्रमिक संगठनों की बैठक बुलायी जायेगी. उक्त बैठक में ही कार्यक्रमों पर परिचर्चा करने के बाद निर्णय लिया जायेगा. चाय बागान मालिकों के रवैये को देखकर हमलोगों के मन में चाय की नई फसल उठाने से पहले पूजा बोनस का फैसला करने का मन बनाया है. इधर पोख्ररेबुंग, सोनादा आदि क्षेत्रों में भी बंद शांतिपूर्ण रहा.

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