पुलिस व बीएसएफ कांस्टेबल समेत छह आरोपी गिरफ्तार
कोलकाता : इ-मॉल के पास से लोगों के बीच में आर्मी लिखी हुई एक बोलेरो गाड़ी में एक युवक का अपहरण कर उसे बीरभूम ले जाकर गुप्त स्थान में रखने के आरोप में बहूबाजार थाने की पुलिस ने छह अपहर्ताओं को गिरफ्तार किया है. उनके पास से अपहृत सोमेन बोस को सुरक्षित रिहा कराने में […]
कोलकाता : इ-मॉल के पास से लोगों के बीच में आर्मी लिखी हुई एक बोलेरो गाड़ी में एक युवक का अपहरण कर उसे बीरभूम ले जाकर गुप्त स्थान में रखने के आरोप में बहूबाजार थाने की पुलिस ने छह अपहर्ताओं को गिरफ्तार किया है. उनके पास से अपहृत सोमेन बोस को सुरक्षित रिहा कराने में पुलिस को सफलता मिली है. गिरफ्तार आरोपियों में दो कोलकाता पुलिस, एक बंगाल पुलिस व एक बीएसएफ का कांस्टेबल शामिल हैं.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम अभिजीत घोष, श्यामल मंडल (कॉम्बैट फोर्स में कार्यरत), जाकिर खान (कॉम्बैट फोर्स में कार्यरत), मोहम्मद हनीफ (राज्य आर्म्ड पुलिस में कार्यरत), मंजरूल हक व अमीर हुसैन (बीएसएफ की 150वीं बटालियन में कार्यरत) हैं. इनके गिरफ्तार होने के बाद से संबंधित विभाग द्वारा इनपर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गयी है.
क्यों किया अपहरण :
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अपहृत सोमेन बोस ठग है. उसने इस मामले में गिरफ्तार अभिजीत घोष से विभिन्न लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कुल एक करोड़ 40 लाख रुपये लिये थे. रुपये लेने के बावजूद किसी को भी वह नौकरी नहीं दिलवा पाया था और न ही पैसे लौटा रहा था, इसलिए उसका अपहरण करने को बाध्य होना पड़ा.
बकाया मिलने पर पुलिसवालों को मिलता 40 प्रतिशत हिस्सा :
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि रुपये वसूलने के लिए अपहरण की प्लानिंग अभिजीत घोष ने रची थी. उसने पुलिसवालों व बीएसएफ के जवानों समेत अन्य पांच लोगों को यह लालच दिया था कि अपहरण करने के बाद सोमेन से मिलनेवाले रुपये में से 40 प्रतिशत हिस्सा वह गिरोह के पांचों सदस्यों में बांट देगा. इस तरह से होनेवाले ऊपरी कमाई के कारण ही वे अपहरण करने को राजी हुए थे. अपहरण के आरोप में पुलिसवालों के गिरफ्तार होने के खुलासे के बाद से अन्य पुलिसकर्मी भी हैरान हैं.
क्या है मामला :
पुलिस सूत्रों के मुताबिक उन्हें खबर मिली कि गुरुवार रात नौ बजे के करीब बहूबाजार के निकट इ-मॉल के पास खड़े एक व्यक्ति को एक बोलेरो कार में जबरन खींचकर उसका अपहरण कर लिया गया है.
इस जानकारी के बाद पुलिस ने जांच शुरू की, तो पता चला कि जिस बोलेरो में व्यक्ति का अपहरण किया गया है, उसका मालिक बीरभूम के लाभपुर में रहता है. इसके बाद पुलिस की टीम ने गुप्त जानकारी के आधार पर लाभपुर से अपहृत व्यक्ति को सुरक्षित रिहा करा लिया. वहां से छह अपहर्ताओं को भी गिरफ्तार किया गया है.