किश्त में बोनस देने की प्रथा बंद हो

दार्जिलिंग : कोलकाता में राज्य सरकार, मालिक पक्ष व श्रमिक संगठनों के बीच हुए बैठक के बाद श्रमकों को दो किश्त में बोनस देने के निर्णय पर ज्वाइंट फोरम (हिल) किश्त प्रथा को समाप्त करने की बात कही है. ज्वाइंट फोरम हिल के प्रचार-प्रसार सचिव सुनील राई ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2019 1:33 AM

दार्जिलिंग : कोलकाता में राज्य सरकार, मालिक पक्ष व श्रमिक संगठनों के बीच हुए बैठक के बाद श्रमकों को दो किश्त में बोनस देने के निर्णय पर ज्वाइंट फोरम (हिल) किश्त प्रथा को समाप्त करने की बात कही है. ज्वाइंट फोरम हिल के प्रचार-प्रसार सचिव सुनील राई ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जो हुआ-सो हुआ, लेकिन किश्ती प्रथा को हम नहीं बनने देंगे.

विदित हो कि पहाड़ के चाय श्रमिकों के पूजा बोनस को लेकर शुक्रवार को कोलकाता के सचिवालय में बैठक आयोजित हुई थी. आयोजित बैठक में राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक स्वयं मौजूद रहे थे. बैठक में श्रमिक संगठनों ने 20 प्रतिशत से कम पूजा बोनस को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करने के अपने पुराने रूख को स्पष्ट कर दिया.
जिसपर राज्य सरकार ने चाय बागान मालिकों को 20 प्रतिशत पूजा बोनस देने पर राजि कराया. लेकिन तय किये गये 20 प्रतिशत पूजा बोनस को दो किश्तों में देने की बात तय हुई. इससे ज्वाइंट फोरम सहमत नहीं था. दार्जिलिंग प्रेस गिल्ड में ज्वाइंट फोरम हिल के प्रचार-प्रसार सचिव सुनील राई ने कहा कि हमलोग 20 प्रतिशत से कम पूजा बोनस स्वीकार करने के पक्ष में नहीं थे.
इसलिए हमलोगों ने अपना रूख बैठक के दौरान स्पष्ट कर दिया था. राज्य सरकार ने हमारी मांगों को देखते हुये मालिक पक्ष को राजी किया और 20 प्रतिशत देने का निर्णय हुआ. यह हमारी जीत है. टी एसोसिएशन के एक अधिकारी ने तय किये गये 20 प्रतिशत की दूसरी किश्त आगामी 2020 के अप्रैल-मई माह में देने का जो बयान एक अंग्रेजी दैनिक को दिया है. उसका हमलोग कड़े शब्दों में निन्दा करते हैं. यह समझौता के खिलाफ है.
इसी तरह से श्रमिक नेता एवं पूर्व सांसद समन पाठक ने कहा कि 20 प्रतिशत पूजा बोनस का श्रेय लेने में सभी राजनीतिक दल जुटे हैं. लेकिन इस तरह की सोच रखना गलत है. चाय श्रमिकों ने अपने हक और अधिकार की लड़ाई खुद लड़ी है. उन्होंने श्रमिकों से अपनी एकता को बुलंद रखने का आह्वान किया है.
वहीं श्रमिक नेता अमर लामा ने कहा कि हमारा मांग 20 प्रतिशत था और वो पूरा हुआ है. लेकिन तय किये गये 20 प्रतिशत पूजा बोनस को किश्त में देने की जो बात हुई है. उसके पक्ष में हम नहीं थे. जो हुआ-सो हुआ, लेकिन किश्ती प्रथा हम बरकरार नहीं रखने देंगे. समझौता के अनुरूप पहला किश्त के 12 प्रतिशत की राशि 10 दिनों के अंदर भुगतान करना होगा.
शेष राशि का 8 प्रतिशत 2019 के 31 दिसम्बर के अंदर भुगतान करना होगा. श्री लामा ने कहा कि तय किये गये 20 प्रतिशत की राशि दो किश्त में भुगतान करने का समझौता पत्र में तय हो चुका है. फिर दूसरे चरण के बैठक की कोई जरूरत नहीं है. फिर भी हमलोग जरूरत पड़ने पर आयोजित बैठक के बारे में सोच सकते हैं.

Next Article

Exit mobile version