डॉक्टर ने दिया इस्तीफा

सिलीगुड़ी जिला अस्पताल का बुरा हाल काम के बोझ से बढ़ी परेशानी सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में दिमागी बुखार इंसेफलाइटिस के लगातार बढ़ते प्रकोप के बावजूद सिलीगुड़ी जिला अस्पताल ने इससे कोई सीख नहीं ली है. इस बीमारी को लेकर उत्तर बंगाल के सभी सात जिलों में रेड अलर्ट की घोषणा कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2014 6:12 AM

सिलीगुड़ी जिला अस्पताल का बुरा हाल

काम के बोझ से बढ़ी परेशानी

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में दिमागी बुखार इंसेफलाइटिस के लगातार बढ़ते प्रकोप के बावजूद सिलीगुड़ी जिला अस्पताल ने इससे कोई सीख नहीं ली है. इस बीमारी को लेकर उत्तर बंगाल के सभी सात जिलों में रेड अलर्ट की घोषणा कर दी गयी है, लेकिन सिलीगुड़ी जिला अस्पताल की स्थिति जस की तस बनी हुई है. इस अस्पताल में डॉक्टरों का अकाल पड़ा हुआ है.

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी सदर अस्पताल के मेडिसिन विभाग में मात्र तीन डॉक्टर हैं उसमें से भी एक डॉक्टर पिछले कुछ दिनों से अस्पताल नहीं आ रहे हैं. डॉक्टरों की कमी के कारण मेडिसिन विभाग में बुखार से पीड़ित रोगियों की लंबी कतारें लगी रहती हैं. मात्र दो डॉक्टरों को ही सैकड़ों रोगियों का इलाज करना पड़ रहा है.

अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किसी भी अस्पताल का मेडिसीन विभाग काफी महत्वपूर्ण विभाग होता है और अधिकांश रोगियों की चिकित्सा पहले यही की जाती है. इसके बावजूद इस विभाग में डॉक्टरों की कमी होने से रोगियों तथा उनके परिजनों में काफी रोष है. पिछले कुछ वर्षो के दौरान सिलीगुड़ी शहर की आबादी काफी तेजी से बढ़ी है.

एक अनुमान के मुताबिक सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाके की जनसंख्या करीब दस लाख से भी अधिक है. किसी भी विकट बीमारी के लिए यहां के लोग सिलीगुड़ी जिला अस्पताल पर ही निर्भर हैं. वर्तमान में सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में बेडों की संख्या करीब 140 है. इनमें मेडिसीन विभाग में करीब 70 प्रतिशत बेड हैं. मेडिसीन विभाग में दो मेल वार्ड तथा दो फिमेल वार्ड है.

इन दोनों वाडों में रोगियों की काफी भीड़ रहती है. इसके अलावा डायरिया विभाग में एक मेल वार्ड और एक फिमेल वार्ड है. सीसीयू वार्ड में कुल सात बेड है. सूत्रों का कहना है कि अधिकांश बेड मेडिसीन विभाग में होने के कारण यहां डॉक्टरों की संख्या अधिक होनी चाहिए, क्योंकि इस अस्पताल में मेडिसीन विभाग में काफी रोगी भरती होते हैं. बेड से अधिक रोगियों की भरती की जाती है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले मेडिसीन विभाग में तीन डॉक्टर थे. कहते हैं कि काम के अधिक बोझ के कारण इनमें से एक डॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया है.

डॉक्टर सिद्धार्थ विश्वास पिछले कई दिनों से अस्पताल नहीं आ रहे हैं. वर्तमान में डॉ. सिरदेन्दू पाल और डॉ. ओपी अधिकारी ही मेडिसीन विभाग में रोगियों की चिकित्सा कर रहे हैं. मात्र दो डॉक्टरों की मौजूदगी के कारण हर हमेशा ही मेडिसीन विभाग में रोगियों की भीड़ लगी रहती है. डॉक्टरों की कमी के कारण रोगियों को अपनी बारी आने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. इसकी वजह से कभी-कभी डॉक्टरों को रोगियों तथा उनके परिवार वालों के रोष का भी शिकार होना पड़ता है.

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