सिनेमा हॉल बचाने को लगायी गुहार
ईआईएमपीए सदस्यों ने पर्यटन मंत्री से की मुलाकात सिलीगुड़ी : मल्टीप्लेक्स के जमाने में धीरे-धीरे सिनेमा हॉल के प्रति लोगों का रूझान कम हो रहा है. इस वजह से बंगाल में कई सिनेमा हॉल बंद होते जा रहे हैं. इस इंडस्ट्री को बचाये रखने के लिए सोमवार को इस्टर्न इंडियन मोशन पिक्चर एसोसिएशन(ईआईएमपीए) के सदस्यों […]
ईआईएमपीए सदस्यों ने पर्यटन मंत्री से की मुलाकात
सिलीगुड़ी : मल्टीप्लेक्स के जमाने में धीरे-धीरे सिनेमा हॉल के प्रति लोगों का रूझान कम हो रहा है. इस वजह से बंगाल में कई सिनेमा हॉल बंद होते जा रहे हैं. इस इंडस्ट्री को बचाये रखने के लिए सोमवार को इस्टर्न इंडियन मोशन पिक्चर एसोसिएशन(ईआईएमपीए) के सदस्यों ने मंत्री गौतम देव से मुलाकात कर सिनेमा हॉल को बचाने की गुहार लगायी.
बैठक में ईआईएमपीए के सदस्यों ने गौतम देव को बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान कई सिनेमा घरों में ताला लटक गया है. वहीं दूसरी ओर गौतम देव ने ईआईएमपीए सदस्यों को इस दिशा में यथासंभव मदद करने का भरोसा दिया. इस संबंध में इस्टर्न इंडियन मोशन पिक्चर एसोसिएशन के महासचिव पार्थ सारथी दार ने बताया कि सिनेमाघरों का मल्टीप्लेक्स की तरह सौंदर्यीकरण कर उसे बचाया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि सिनेमा घरों में सीट की संख्या ज्यादा होती है. सीट की संख्या को कम करके एक सौ से डेढ़ सौ तक लाकर दो स्क्रिन चलाने की आवश्यकता है. साथ ही सिनेमा घरों में आने वाले दर्शकों के लिए अन्य सुविधाओं की को दुरुस्त करना होगा. उन्होंने बताया कि दक्षिण बंगाल में सरकार के हस्तक्षेप से कई सिनेमाघरों का कायाकल्प हो चुका है. दूसरी ओर मंत्री गौतम देव ने कहा कि सर्विज चार्ज बढ़ाने पर हॉल मालिकों को लाभ होगा. लेकिन सिनेमा घरों के लाइसेंस को रिन्यू करने के लिए उसके मालिक सरकार की शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
जिस वजह से ये समस्या हो रही है. उन्होंने बताया कि इस विषय पर मंत्री अरूप विश्वास उनसे अच्छा जानते हैं. मंत्री ने बताया कि उत्तर बंगाल के सिनेमा घरों को भी डबल स्क्रिन में चालू करने के लिए भी सरकार से सहयोग मांगा है. गौतम देव के अनुसार अगर ऐसा कोई प्रस्ताव आता है तो सरकार की ओर से अवश्य सहायता दी जायेगी. इसके अलावा इस्टर्न इंडियन मोशन पिक्चर एसोसिएशन के सदस्यों ने कोलकाता जाकर मंत्री अरूप विश्वास के साथ एक बैठक करने की बात भी कही है.
गौरतलब है कि सिनेमा घरों की बदहाल स्थिति पर आई रिपोर्ट के मुताबिक कुछ वर्ष पहले तक पूरे बंगाल में 800 सिनेमा हॉल थे. जिसमें से फिलहाल केवल 300 सिनेमा घर चल रहे हैं. वहीं उत्तर बंगाल में 118 सिनेमा घरों में से केवल 50 सिनेमा घरों को किसी तरह चलाया जा रहा है. जबकि अन्य 68 सिनेमा हॉल बंद हो चुके हैं. इस कारण काफी लोग बेरोजगार हो गये हैं. आलम ये है कि बचे सिनेमा घरों का लाइसेंस नवीनीकरण भी नहीं हो रहा है.