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पानी टंकी में गिरे हाथी शावक को निकाला

शावक की मां से जूझते रहे वनकर्मी कालचीनी : चाय बागान में बनाये गये पानी के टंकी में सोमवार को एक हाथी शावक गिर गया. वन विभाग ने कड़ी मशक्कत कर शावक को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता हासिल की. इसके लिए वन विभाग के कर्मियों को हाथी शावक की मां से भी जूझना पड़ा. […]

शावक की मां से जूझते रहे वनकर्मी

कालचीनी : चाय बागान में बनाये गये पानी के टंकी में सोमवार को एक हाथी शावक गिर गया. वन विभाग ने कड़ी मशक्कत कर शावक को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता हासिल की. इसके लिए वन विभाग के कर्मियों को हाथी शावक की मां से भी जूझना पड़ा.

मिली जानकारी के अनुसार यह घटना अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी प्रखंड स्थित भरनोबाड़ी चाय बागान इलाके में घटी. सोमवार सुबह 5 बजे बागान के 12 नंबर सेक्शन स्थित बने पानी के टंकी में एक हाथी के शावक को फंसा देख श्रमिकों ने तुरंत इसकी जानकारी वन विभाग को दी. जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर बक्सा बाघ परियोजना के हैमिल्टनगंज रेंज के रेंजर व वन कर्मचारी मौके पर पहुंचे और हाथी के शावक को जलाशय से बाहर निकालने के प्रयास में जुटे गये.

लेकिन घटनास्थल पर ही रूकी हथनी मां अपने बच्चे वहां से निकाले बगैर हटने का नाम ही नहीं ले रही थी. वहीं वन विभाग की ओर से दो बुलडोजर बुलाया गया. बुलडोजर जैसे ही शावक को जलाशय से निकालने हेतु अपना काम प्रारंभ करता, वैसे ही हथनी मां बुलडोजर के ऊपर आक्रमण करने लगती थी. उसके बच्चे को कहीं चोट ना लग जाए, इसीलिए घंटों तक बुलडोजर से लड़ाई करते-करते थक गयी.

हार मानकर शावक की मां दूसरी ओर चली जाती है. जिसके पश्चात बुलडोजर ने अपना काम प्रारंभ किया एवं वन कर्मचारियों की कड़ी मशक्कत के बाद शावक को सही सलामत बाहर निकाला गया.

इस विषय पर हैमिल्टनगंज के रेंजर अमलेन्दु माझी ने बताया कि आज सुबह लगभग 6:00 बजे हमारे भरनोबाड़ी बिट ऑफिसर के द्वारा हमें जानकारी मिली कि यहां एक हाथी का शव और जलाशय में फंस चुका है. उसे बचाने हेतु एक और हथनी भी यहां उपस्थित थी.

उन्होंने कहा कि हम तुरंत यहां पहुंचे एवं वन विभाग के समस्त कर्मचारी स्थानीय चाय श्रमिक व पुलिस के सहयोग से लगभग दो से ढाई घंटे के भीतर शावक को जलाशय से बाहर निकालने में कामयाब हो गये.

जिसके पश्चात सही सलामत शावक को जंगल की ओर छोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि विभिन्न चाय बागान में जलाशयों को खुले अवस्था में होने के कारण इस तरह की घटना कई बार देखी गयी है. जिसे देखते हुए वन विभाग की ओर से समस्त चाय बागानों को पत्र भी दिया गया है.

वर्तमान में वन विभाग की ओर से इन जलाशयों को ढकने के लिए कड़ी कदम उठाए जाएंगे. ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा होने से रोक लगाया जा सके. इस विषय में भरनोबाड़ी चाय बागान के बागान मैनेजर आरके सिंह ने बताया कि इस घटना में बागान का नुकसान तो हुआ है. शावक को सही सलामत बाहर निकाल कर उसके मां से मिलाया गया. जिससे हम समस्त बागान निवासी बेहद खुश है.

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