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स्थिति सामान्य होने तक रेल परिसेवा बंद

सिलीगुड़ी : नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और एनआरसी के विरोध में असम से लेकर पश्चिम बंगाल तक हिंसा व आंदोलन लगातार जारी है. रविवार को पूर्वोत्तर राज्यों से देश के अन्य राज्यों की ओर जाने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया गया. रविवार को भी असम के कई इलाकों में रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त करने और […]

सिलीगुड़ी : नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और एनआरसी के विरोध में असम से लेकर पश्चिम बंगाल तक हिंसा व आंदोलन लगातार जारी है. रविवार को पूर्वोत्तर राज्यों से देश के अन्य राज्यों की ओर जाने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया गया. रविवार को भी असम के कई इलाकों में रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त करने और मालदा जिले के भालुका रोड स्टेशन को जला देने व अन्य स्टेशनों पर भी जारी उग्र आंदोलन के मद्देनजर एनएफ रेलवे ने यह निर्णय लिया है.

रेल अधिकारियों के मुताबिक स्थिति सामान्य न होने तक रेल परिसेवा बंद रहेगा. यह जानकारी रविवार को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे मुख्यालय, मालीगांव की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शुभानन चंदा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी.
एनएफ रेलवे की कुल 40 ट्रेनें हुई रद्द: विज्ञप्ति के अनुसार पूर्वोत्तर सीमा रेलवे से चलनेवाली कुल 40 ट्रेने रद्द कर दी गयी है. इनमें कोलकाता की ओर जानेवाली सरायघाट एक्सप्रेस, हल्दीबाड़ी-कोलकाता एक्सप्रेस, कंचनजंघा एक्सप्रेस, कामरूप एक्सप्रेस, कोलकाता-बालुरघाट एक्सप्रेस, दार्जिलिंग मेल, पदातिक एक्सप्रेस, कंचनकन्या एक्सप्रेस, कंचनजंघा एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, गुवाहाटी-बैंगलुरू एक्सप्रेस, डिब्रुगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस, अवध-असम एक्सप्रेस, डिब्रुगढ़-सिल्चर एक्सप्रेस व अन्य ट्रेने हैं. इनमें से कई ट्रेनों को तीन दिनों यानी 17 दिसंबर तो कई ट्रेनों को दो दिनों यानी 16 दिसंबर तक के लिए रद्द किया गया है.
डिब्रूगढ़ से नई दिल्ली जानेवाली राजधानी एक्सप्रेस को पूर्वोत्तर राज्य के रूट में तब्दीली की गयी है. वहीं अवध असम व ब्रह्मपुत्र को भी सोमवार को राजधानी वाले रूट से ही रवाना किया जायेगा. साथ ही डिब्रूगढ़-सिल्चर एक्सप्रेस का भी असम के रूट में बदलाव किया गया है.
रेल संपत्ति बचाने के लिए रेलवे ने की अपील
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्यालय मालीगांव (असम) ने सरकार से रेल संपत्ति नष्ट न हो, इसके लिए सहयोग करने की अपील की है. यह अपील सोमवार को मुख्यालय के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुभानन चंदा की ओर से जारी प्रेस-विज्ञप्ति द्वारा की गयी है. विज्ञप्ति में असम, पश्चिम बंगाल व केंद्र सरकार से सहयोग करने की गुहार लगायी गयी है.
विज्ञप्ति के अनुसार रविवार को उग्र व हिंसक आंदोलन के दौरान मालदा जिले के भालूका रोड स्टेशन को फूंक दिया गया और असम इलाके के कई जगहों पर रेलवे ट्रैक को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है.
एनजेपी स्टेशन पर फंसे हजारों यात्री
हिंसक आंदोलन और रेल परिसेवा बंद होने से देशी-विदेशी टूरिस्ट व आम यात्री कई रोज से ही हलकान हो रहे हैं. असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में घूमने गये सैलानी व यात्री हजारों की संख्या में गुवाहाटी में ही फंसे पड़े हैं.
रविवार को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे से सभी यात्री ट्रेने रद्द कर दिये जाने से न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) स्टेशन पर भी दोपहर से ही यात्रियों का जमघट लगने लगा और शाम ढलते-ढलते पूरे स्टेशन परिसर में यात्रियों की भरमार हो गयी. ट्रेनों के रद्द होने यात्री काफी परेशान दिखे. रेल अधिकारियों के स्टेशन परिसर में न होने और कोई सहयोग न मिलने से भी यात्री को काफी आक्रोशित दिखे.
दूसरी ओर तृणमूल के दार्जिलिंग जिला अध्यक्ष सह सिलीगुड़ी नगर निगम में विरोधी दल के नेता रंजन सरकार सूचना पाकर अपने समर्थकों के साथ एनजेपी स्टेशन पहुंचे और यात्रियों से परेशानी को लेकर बातचीत की. यात्रियों की इस परेशानी के लिए उन्होंने पूरा ठीकरा केंद्र की मोदी सरकार पर फोड़ा. उन्होंने कहा कि कैब व एनआरसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह देश को आग में झोंक रहे हैं.

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