घोंसला छोटा सही, आकाश तो अनंत है ”

दिनहाटा : लघु पत्रिका को कमतर आंकना गलत होगा. यह तो बारुद है जिसमें विद्रोह की चिन्गारी होती है. लेकिन हर विद्रोह क्रांति को जन्म दे यह जरूरी नहीं. शनिवार को उत्तरबंग लघु पत्रिका परिषद के 13वें केंद्रीय सम्मेलन और लघु पत्रिका मेला के शुभारंभ पर उद्घाटनकर्ता स्वपन कुमार मंडल ने उक्त बातें कही. सिधो-कान्हो, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2019 2:22 AM

दिनहाटा : लघु पत्रिका को कमतर आंकना गलत होगा. यह तो बारुद है जिसमें विद्रोह की चिन्गारी होती है. लेकिन हर विद्रोह क्रांति को जन्म दे यह जरूरी नहीं. शनिवार को उत्तरबंग लघु पत्रिका परिषद के 13वें केंद्रीय सम्मेलन और लघु पत्रिका मेला के शुभारंभ पर उद्घाटनकर्ता स्वपन कुमार मंडल ने उक्त बातें कही. सिधो-कान्हो, बिरसा विश्वविद्यालय के अध्यापक और निबंधकार स्वपन कुमार मंडल ने कहा कि लघु पत्रिकाओं ने बड़े बदलावों को जन्म दिया है.

उसमें इतिहास को बदलने की क्षमता होती है. लघु समझकर इसे कमतर आंकना उचित नहीं है. चूंकि घोंसला छोटा हो सकता है लेकिन आकाश तो अनंत है. उसी तरह की संभावना लघु पत्रिकाओं की होती है. उल्लेखनीय है कि शनिवार को दिनहाटा ब्वायेज रिक्रियेशन क्लब के ऑडिटोरियम में स्वपन कुमार मंडल ने शुभारंभ किया.
दो दिवसीय इस सम्मेलन के शुरु में उपस्थित रहे अध्यापक स्वपन कुमार मंडल के अलावा बंगरत्न प्रो. डॉ. आनंद गोपाल घोष, शिक्षक रामचंद्र साहा, चाय विशेषज्ञ राम अवतार शर्मा, लघु पत्र पत्रिका परिषद के उत्तर बंगाल महासचिव सुनील साहा, लेखक निशिकांत सिन्हा, क्रीड़ाविद चंदन सेनगुप्त, राष्ट्रपति पुरस्कारप्राप्त शिक्षक श्यामल धर, अध्यापक जयदीप सरकार, स्वागत समिति के अध्यक्ष गौरांग सिन्हा, कार्यकारी अध्यक्ष गोकुल सरकार, आयोजक संगठन के दिनहाटा महकमा अध्यक्ष एवं चिकित्सक उज्ज्वल आचार्य. कार्यक्रम में स्वागत भाषण स्वागत समिति के संयुक्त सचिव आजिजुल हक.
इनके अलावा सम्मेलन में उत्तरबंगाल के जिलों से कवि, लेखक और साहित्यकारों की एक सौ से अधिक उपस्थित रहे. सम्मेलन के प्रथम दिन कवि मानिक साहा संपादित स्मारिका का विमोचन डॉ. आनंद गोपाल घोष ने किया. इनके अलावा मंच से कई अन्य पत्रिकाओं के विशेषांकों का भी विमोचन किया गया.

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