कालचीनी : क्रिसमस (बड़ा दिन) उत्सव के अवसर पर आज मंगलवार को सम्पूर्ण विश्व उत्साहित है. यह त्योहार देश-दुनिया के साथ-साथ डुआर्स के चाय बागानों में भी धूमधाम से मनाया जाता है.
डुआर्स के चाय बागान इलाकों में ईसाई धर्मावलंबियों की संख्या काफी है. डुआर्स के हर कोने में इसकी तैयारियां बेहतरीन रूप से की गई है. यह त्योहार भव्य रूप से मनाया जा रहा है. वहीं डुआर्स के बंद पड़े मधु चाय बगान में भी क्रिसमस की तैयारियों के लिए श्रमिकों ने किसी तरह पैसा इकट्ठा करके बागान स्थित आईपीसी बेदल चर्च को बेहतरीन रूप से सजाया है.
इस अवसर पर बंद मधु चाय बागान के श्रमिक फटे-पुराने कपड़े पहनकर प्रभु यीशु से अपने बंद बागान खुलने की प्रार्थना करेंगे. अब तक कि उनके बच्चों को भी यह मालूम है कि उनके परिजन नया पोशाके खरीदने में सक्षम नहीं है. इसीलिए वह भी बिना जिद किए फटे पुराने कपड़े पहन कर अपना सर्वश्रेष्ठ त्योहार क्रिसमस धूमधाम से मना रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि अलीपुरदुआर जिले के कालचीनी प्रखंड स्थित मधु चाय बागान विगत पांच वर्षों से बंद पड़ा हुआ है. जिसके पश्चात यहां के कई श्रमिक यहां से अन्य राज्य में पलायन कर चुके हैं. जो बच्चे हैं, वे भी शहरों में जाकर किसी तरह दिहाड़ी का काम करके अपने परिवार का जीवन-यापन करते हैं.
लेकिन इसके बावजूद भी यहां के श्रमिक फटे-पुराने कपड़े पहनकर क्रिसमस त्योहार की तैयारी धूमधाम से किये हैं. इस विषय में बागान के श्रमिकों ने बताया कि अन्य चाय बागानों में क्रिसमस को लेकर जिस तरह की तैयारियां होती है, उस तरह की तैयारियां तो हम नहीं कर पाते. क्योंकि हमारा बागान विगत पांच वर्षों से बंद पड़ा हुआ है.
किसी तरह हमने इधर-उधर से पैसा इकट्ठा करके इस वर्ष क्रिसमस की तैयारियां किए हैं. श्रमिकों ने कहा कि इस वर्ष क्रिसमस के मौके पर हम समस्त श्रमिक मिलकर प्रभु यीशु से यही प्रार्थना करेंगे कि हमारा बंद मधु चाय बागान जल्द से जल्द खुल जाए.
इस विषय पर आईपीसी बेदल चर्च के पास्टर संतोष लोहार ने बताया कि हमारा बागान जब खुला था, तब तो हम यहां बड़े धूमधाम से क्रिसमस उत्सव मनाया करते थे. अपने बच्चे व परिवारों के लिए के लिए नए-नए कपड़े खरीदा करते थे. लेकिन जब से हमारा बागान बंद हुआ यहां कि स्थिति वैसी रही नहीं.
किसी तरह छोटा-छोटा कलेक्शन करके हम इस वर्ष क्रिसमस की तैयारी किए हैं. उन्होंने कहा कि विगत पांच वर्षों से हर 25 दिसंबर को हम अपने प्रभु यीशु से यही प्रार्थना करते आ रहे हैं कि हमारा बागान जल्द से जल्द खुल जाए. इसके साथ-साथ हम यह भी प्रार्थना करेंगे कि यहां के जितने भी लोग बागान बंद होने के बाद बाहरी राज्यों में चले गए हैं, वे लौट कर वापस आ जाएं. उन्होंने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि प्रभु यीशु हमारी प्रार्थना जरूर सुनेंगे.