हड़ताल के दौरान तोड़फोड़ के आरोप में और दो गिरफ्तार

जांच में जुटी सीआइडी ने किया कुछ अहम खुलासा, कुल नौ गिरफ्तार कांग्रेस व वामफ्रंट प्रतिनिधियों ने एसपी से भेंट कर निर्दोष लोगों को परेशान करने का लगाया आरोप मालदा : भारत बंद के दौरान कालियाचक थानांतर्गत सुजापुर ग्राम पंचायत के नयमौजा मोड़ पर हुई तोड़फोड़ और हिंसा के मामलों में पुलिस ने दो और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2020 1:47 AM

जांच में जुटी सीआइडी ने किया कुछ अहम खुलासा, कुल नौ गिरफ्तार

कांग्रेस व वामफ्रंट प्रतिनिधियों ने एसपी से भेंट कर निर्दोष लोगों को परेशान करने का लगाया आरोप
मालदा : भारत बंद के दौरान कालियाचक थानांतर्गत सुजापुर ग्राम पंचायत के नयमौजा मोड़ पर हुई तोड़फोड़ और हिंसा के मामलों में पुलिस ने दो और बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया है. इनके खिलाफ भी वाहनों में तोड़फोड़ और आग लगाने के अलावा पुलिसकर्मियों पर हमले का आरोप है. उल्लेखनीय है कि बीते बुधवार को बंद के दौरान पथराव में पांच पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे जबकि नौ वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया था. इनमें पुलिस के वाहन भी शामिल हैं.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं, रफिक शेख (27) और बाबर मंडल (40). ये दोनों सुजापुर ग्राम पंचायत के चामाग्राम इलाके के निवासी हैं. उल्लेखनीय है कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच सीआईडी के नॉर्थ जोन के एसपी इवान डेविड लेप्चा कर रहे हैं. गुरुवार की रात को ही वे मालदा पहुंचे और मामलों की पड़ताल शुरु कर दी. उन्होंने जिले के एसपी आलोक राजोरिया समेत एएसपी, डीएसपी और जिला पुलिस के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर मामले की प्रगति की समीक्षा की.
पुलिस सूत्र ने बताया कि बंद के दौरान हमले, हिंसा और आगजनी के मामलों में कुल 33 लोगों के खिलाफ मामले कालियाचक थाने में दर्ज किये गये हैं. यह संख्या बढ़ सकती है. पुलिस पर तोड़फोड़ के आरोप लगने के बाद उसकी भी जांच करते हुए एक पुलिसकर्मी की पहचान की गयी है. हालांकि सीआईडी के वरिष्ठ अधिकारी और जिला एसपी ने भी मंतव्य करने से इंकार किया है.
पुलिस और खुफिया विभाग के सूत्रों का अनुमान है कि बंद के दिन हुई गड़बड़ी के पीछे कोई बड़ा दिमाग काम कर रहा था. इस मामले में दो वीडियो पुलिस के हाथ लगे हैं जिसमें नयमौजा मोड़ के करीब एनएच के निकट के एक बहुमंजिली इमारत से हमलावरों को पुलिस पर हमले और आगजनी के लिये उकसाया जा रहा था. अश्लील भाषा में पुलिस पर हमला करने, तोड़फोड़ और आगजनी के लिये प्रेरित किया जा रहा था. वीडियो फुटेज में एक व्यक्ति का नाम बार बार आ रहा था. पुलिस का मानना है कि उस रोज की घटना स्वत:स्फूर्त नहीं थी बल्कि सोची समझी योजना के तहत किया गया था. पुलिस विभागीय वाहनों के क्षतिग्रस्त किये जाने की भी जांच कर रही है. कहा गया है कि जो लोग इस पूरे प्रकरण के लिये जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरु की जायेगी.
उधर, आज सुजापुर की घटना को लेकर निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी और देर रात को घर घर जाकर आम लोगों को हैरान करने के आरोपों के बीच माकपा और कांग्रेस के जिला नेताओं के प्रतिनिधिदल ने एसपी से भेंट कर कहा कि जांच की चपेट में निरीह लोग नहीं आने चाहिये. प्रतिनिधिदल में कांग्रेसी विधायक ईशा खान चौधरी और वामफ्रंट के नेता शामिल थे.

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