ऋचा घोष ने सिलीगुड़ी का नाम किया रोशन
सिलीगुड़ी : रिद्धिमान साहा के बाद सिलीगुड़ी की बेटी 16 वर्षीया ऋचा घोष को आईसीसी टी-20 विश्वकप में भारतीय महिला टीम के साथ खेलने का मौका मिला है. 4 से लेकर 11 जनवरी तक उड़ीसा के कटक में चल रहे आईसीसी टी-20 विश्वकप में रिचा अंतराष्ट्रीय खिलाड़ियों को अपने हुनर का लोहा मनवायेगी. रविवार को […]
सिलीगुड़ी : रिद्धिमान साहा के बाद सिलीगुड़ी की बेटी 16 वर्षीया ऋचा घोष को आईसीसी टी-20 विश्वकप में भारतीय महिला टीम के साथ खेलने का मौका मिला है. 4 से लेकर 11 जनवरी तक उड़ीसा के कटक में चल रहे आईसीसी टी-20 विश्वकप में रिचा अंतराष्ट्रीय खिलाड़ियों को अपने हुनर का लोहा मनवायेगी.
रविवार को रिचा के इस सफलता की खबर मिलते ही सिलीगुड़ी के खेल प्रमियों के बीच खुशी की लहर है.ऋचा सिलीगुड़ी के सुभाष पल्ली की रहने वाली है. उसके पिता मानवेंद्र घोष बंगाल के अंशकालीन अंपायर हैं. सिलीगुड़ी के प्रधान नगर स्थित मार्ग्रेट स्कूल कक्षा 10वीं की छात्रा ऋचा घोष ने साढ़े 4 वर्ष की उम्र से ही बल्ला हाथ में थाम लिया था.
मात्र दस वर्ष की उम्र में उसने जिला स्तरीय टीम में अपनी एक अलग पहचान बना ली. वहीं 12 वर्ष की उम्र तक ऋचा को बंगाल के महिलाओं की बंगाल सीनियर टी-20 टीम में खेलने का मौका मिला. अब रिचा आईसीसी टी-20 विश्वकप में अंतराष्ट्रीय दलों के साथ खेलने जा रही है. खेल के साथ ऋचा बोर्ड परीक्षा की तैयारी भी कर रही है.
इस विषय पर ऋचा घोष ने बताया कि क्रिकेट में उसके पहले गुरु उसके पिता मानवेंद्र घोष रहे हैं. लेकिन उनके चहेते खिलाड़ियों में सचिन तेंदुलकर तथा महेन्द्र सिंह धोनी है. ऋचा ने बताया कि वह मैदान में महेन्द्र सिंह धोनी की तरह छक्के मारना चाहती है. ऋचा ने बताया कि भारतीय महिला क्रिकेट स्टार झुलन गोस्वामी ने हमेशा टीम में उसका समर्थन किया है. लेकिन वह बीच-बीच में वह रिद्धिमान साहा से भी बात करती है.
ऋचा की मां सपना घोष ने बताया कि रविवार दोपहर को ऋचा के पिता ने फोन पर उन्हें यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि छोटी उम्र से ही ऋचा का क्रिकेट के प्रति काफी रूचि थी.
साढ़े चार वर्ष की उम्र से ही रिचा बाघाजतीन एथलेटिक क्लब में क्रिकेट कोचिंग ले रही थी. उन्होंने बताया कि इस वर्ष ऋचा कक्षा दसवीं की परीक्षा देगी. खेलकूद के साथ उसने अपने पाठ्यक्रम को भी जारी रखा है. ऋचा की इस सफलता से परिवार वालों से लेकर मोहल्ले वाले भी काफी खुश हैं.