दार्जिलिंग : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि केंद्र जब तक संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) वापस नहीं लेता है, उनका आंदोलन जारी रहेगा. दार्जिलिंग में मुख्यमंत्री पदयात्रा व रैली के बाद जनसभा को संबोधित कर रही थीं.
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सीएए वापस नहीं होने तक जारी रहेगा आंदोलन
दार्जिलिंग : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि केंद्र जब तक संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) वापस नहीं लेता है, उनका आंदोलन जारी रहेगा. दार्जिलिंग में मुख्यमंत्री पदयात्रा व रैली के बाद जनसभा को संबोधित कर रही थीं. गोरखा रंगमंच से शुरू हुई पदयात्रा शहर के विभिन्न इलाकों से होते हुए मोटर स्टैंड पहुंची. […]
गोरखा रंगमंच से शुरू हुई पदयात्रा शहर के विभिन्न इलाकों से होते हुए मोटर स्टैंड पहुंची. पदयात्रा में मुख्यमंत्री के साथ विनय तमांग, राज्यसभा सांसद शांता छेत्री, अनित थापा, अमर सिंह राई, रेफ फादर सोलोमन सुब्बा व पाल्देन भुटिया भी शामिल हुए. पदयात्रा के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किया.
सुश्री बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार जाति और धर्म के नाम पर देश को बांटने का काम कर रही है. हम ऐसा होने नहीं देंगे. नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी को देश के लोगों ने चुना है.
जिस जनता के वोट से आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, आज वे उसी जनता की नागरिकता पर सवाल उठा रहे हैं. यह देश के नागरिकों के साथ विश्वासघात है. उन्होंने कहा कि एनआरसी, सीएए व एनपीआर देश के लिए खतरा है. जो लोग एनआरसी, सीएए और एनपीआर का विरोध कर रहे हैं, उन लोगों के खिलाफ जांच एजेंसी को लगाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने एनआरसी,सीएए और एनपीआर को गोरखाओं के लिए खतरा बताया.
ममता ने कहा कि जब मैंने एनआरसी,सीएए और एनपीआर से गोरखाओं को खतरा होने की सच्चाई को जाना तो दार्जिलिंग आने का निर्णय लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि दार्जिलिंग के लोगों का मन साफ है. यहां के लोगों के मन में कोई छल-कपट नहीं है. इसलिए मैं दार्जिलिंग के लोगों को बचाने आयी हूं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब-जब चुनाव आता है, तब भाजपा वाले पहाड़ आकर गोरखाओं को लुभाने के लिये तरह-तरह का लालच देते हैं. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा रुपये बांटकर गोरखाओं का वोट खरीदने की कोशिश करती है, लेकिन गोरखा समुदाय इतना गरीब नही है. वे किसी के बहकावे में नहीं आयेंगे. मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि मैं जब तक हूं , बंगाल में एनआरसी, सीएए और एनपीआर लागू नहीं होने दूंगी.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को जो करना है करे, लेकिन मेरे रहते बंगाल में एनआरसी, सीएए और एनपीआर लागू नहीं होगा. ममता ने कहा कि मैंने अपने जीवन में इतना संघर्ष किया है कि अब मुझे किसी से डर नहीं लगता है. उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को एनआरसी, सीएए और एनपीआर का विरोध करने के लिए एकजुट होने का आह्वान भी किया.
वहीं जनसभा को संबोधित करते हुए गोजमुमो अध्यक्ष विनय तमांग ने कहा कि एनआरसी, सीएए और एनपीआर जैसे कानून देश के संविधान से छेड़छाड़ है. हम इसका विरोध करते हैं. इस तरह के कानून से गोरखाओं की नागरिकता पर सवाल खड़ा होता है. उन्होंने इसके विरोध में लोगों से एकबद्ध होने की बात कही. सभा के अंत में मुख्यमंत्री ने उपस्थित हजारों लोगों के साथ नारे भी लगाये.
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