राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन मौसम नूर ने किया सवाल : रात के अंधेरे में काम होना संदेहास्पद, मांगी कैफियत
मालदा : निर्माणाधीन द्वितीय फरक्का सेतु का लोहे का गार्डर टूटने से हुए हादसे के बाद मंगलवार को राज्य फॉरेंसिक टीम के सदस्यों ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने घटनास्थल से सामग्रियों के नमूने लेने के अलावा घटनास्थल की तस्वीर ली. इस टीम के अलावा राज्य महिला आयोग की चेयरपरसन और तृणमूल की जिलाध्यक्ष मौसम नूर ने भी घटनास्थल जाकर उसका निरीक्षण किया. उनके साथ थे जिला परिषद के सभाधिपति गौड़चंद्र मंडल और पूर्व मंत्री सावित्री मित्र.
मौसम नूर ने परिदर्शन के बाद मीडिया से मुखातिब होकर कहा कि इस घटना के पीछे जिसकी भी गलती रही हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिये. साथ ही उन्होंने कहा कि रात के अंधेरे में निर्माण किये जाने की कैफियत पूछी जानी चाहिये कि आखिर इस तरह से गैरजिम्मेदराना तरीके से क्यों काम किया गया? उल्लेखनीय है कि बीते रविवार को गार्डर टूटने से वहां तैनात इंजीनियर सचिन प्रताप (30) और प्रोजेक्ट प्रभारी केएस श्रीनिवासन राव (48) की मौत हो गयी है जबकि तीन टेक्नीशियन गंभीर रुप से जख्मी होकर अस्पताल में भर्ती हैं.
तृणमूल नेत्री मौसम नूर ने आरोप लगाया कि प्रोजेक्ट में धांधली की शिकायत मिली है. इसके अलावा भाजपा के पिट्ठुओं के जरिये नियमों की अनदेखी करते हुए काम कराया जा रहा था जिससे यह हादसा हुआ. अनुभवहीन लोगों ने काम किया है. उन्होंने कहा कि रविवार को अवकाश का दिन था. उसके बावजूद बिना पर्याप्त रोशनी के काम कराया जा रहा था. हमने निर्माण संस्था से इसकी कैफियत तलब की है. मामले में कटमनी के लिये निम्न स्तरीय काम का भी आरोप है. जिन लोगों के चलते यह हादसा हुआ है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिये. पूरे मामले की जानकारी सीएम को दी जायेगी.
उधर, तृणमूल नेत्री के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए भाजपा के मालदा जिला उपाध्यक्ष अजय गांगुली ने बताया कि तृणमूल इस हादसे को लेकर राजनीति कर रही है जोकि उचित नहीं है. इस तरह की दुर्घटना पहले भी हुई है.
इधर, फॉरेंसिक टीम की एक अधिकारी चित्राक्खो सरकार ने बताया कि सेतु के निर्माण में कौन सी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है उनके नमूने लिये गये है. प्राथमिक जांच के अनुसार गार्डर टूटने से यह हादसा हुआ है यह स्पष्ट है. लेकिन कारणों के लिये गहन जांच की जरूरत है. नमूनों का संग्रह किया गया है. लैब में इनकी जांच की जायेगी. निर्माण संस्था के अधिकारियों से बात की गयी है.