शिशु अत्याचार रोकथाम हेतु सिलीगुड़ी पुलिस की जन-जागरूकता मुहिम
सिलीगुड़ी: शिशु अत्याचार रोकने हेतु सिलीगुड़ी पुलिस नया हथियार इस्तेमाल करने जा रही है. पुलिस ने अपने इस नये हथियार को चेतना व नरक नाम दिया है. इस दोनों हथियार का इस्तेमाल पुलिस नुक्कड़ नाटकों के मार्फत गांव-गांव में शिशु अत्याचार विरोधी प्रचार-प्रसार व जन-जागरूकता फैलायेगी. सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस जल्द ही यह मुहिम शुरू करने […]
सिलीगुड़ी: शिशु अत्याचार रोकने हेतु सिलीगुड़ी पुलिस नया हथियार इस्तेमाल करने जा रही है. पुलिस ने अपने इस नये हथियार को चेतना व नरक नाम दिया है. इस दोनों हथियार का इस्तेमाल पुलिस नुक्कड़ नाटकों के मार्फत गांव-गांव में शिशु अत्याचार विरोधी प्रचार-प्रसार व जन-जागरूकता फैलायेगी.
सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस जल्द ही यह मुहिम शुरू करने जा रही है. पुलिस इस जनजागरूक नाटक के लिए रंगकर्मी व समाज के विभिन्न स्तर के लोगों का सहायता लेगी. साथ ही पुलिसकर्मी भी इन दोनों नाटकों में अभिनय करेंगे. सिलीगुड़ी के पुलिस आयुक्त (सीपी) जगमोहन ने कहा कि इन दोनों नाटकों के माध्यम से शिशु अत्याचार रोकने का प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि रंगकर्मियों के साथ-साथ पुलिसकर्मियोंे को भी इस मुहिम में शामिल किया जायेगा. इस मुहिम से काफी हद तक शिशु अत्याचार पर लगाम लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के बाद इन नुक्कड़ नाटकों, सेमिनारों व काउंसिलिंग के माध्यम से यह जन-जागरूकता मुहिम गांव-गांव व स्कूलों में चलायी जायेगी. शिशु अत्याचार रोकने के लिए सिलीगुड़ी के रंग कर्मियों का एक संगठन पुलिस को सहयोग कर रही है. संगठन के सचिव विश्वजीत राय ने कहा कि समाज में शिशुओं पर तरह-तरह से हिंसात्मक घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. इसका इन मासूमों एवं समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसे नरक नाटक में चरितार्थ किया जायेगा. वहीं चेतना नाटक में किशोर-युवाओं के स्वास्थ्य व जिज्ञासु मन को दर्शाया गया है. श्री राय ने कहा कि बच्चे जब किशोर व युवा अवस्था में कदम रखते हैं, तब वे काफी चंचल एवं जिज्ञासु होते हैं. पुलिस की इस जन-जागरूकता मुहिम को लेकर सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाकक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में विभिन्न स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिका, मनोरोग विशेषज्ञ, चिकित्सकों के अलावा बड़ी संख्या में पुलिस के आलाधिकारी मौजूद थे.