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कोर्ट भवन का निर्माण नहीं होने से भड़के वकील, आज से तीन दिनों का सीज वर्क

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी अदालत परिसर में नये कोर्ट भवन के निर्माण की मांग को लेकर बार एसोसिएशन ने मोरचा खोल दिया है. 31 मार्च 2012 को 4.26 करोड़ की लागत से नये भवन के निर्माण के लिए हाइकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जय नारायण पटेल ने शिलान्यास किया था. प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीपीएम मोदी YouTube […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2014 1:47 AM

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी अदालत परिसर में नये कोर्ट भवन के निर्माण की मांग को लेकर बार एसोसिएशन ने मोरचा खोल दिया है. 31 मार्च 2012 को 4.26 करोड़ की लागत से नये भवन के निर्माण के लिए हाइकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जय नारायण पटेल ने शिलान्यास किया था.

इस अवसर पर तत्कालीन कानून मंत्री मलय घटक भी उपस्थित थे, लेकिन शिलान्यास के इतने महीने बीत जाने के बाद भी भवन निर्माण के लिए कोई पहल नहीं की गयी. यहां तक की शिलान्यास पट्टिका भी अब गायब हो गयी है. जिस स्थान पर भवन का निर्माण होना था, वहां गंदगी ने अपना साम्राज्य कायम कर लिया है. जगह-जगह जंगल एवं झाड़ के कारण आसपास के लोगों को भी परेशानी हो रही है.

इस मुद्दे को लेकर सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन की आज एक आपातकालीन मीटिंग हुई. इस बैठक के बाद बार एसोसिएशन के सचिव चंदन दे ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया कि जिस स्थान पर नये भवन के निर्माण का निर्णय लिया गया था उस स्थान पर पहले से ही एक पुराना बिल्डिंग था.

उस बिल्डिंग में ही कोर्ट के कामकाज को चलाया जाता था, लेकिन नये भवन के निर्माण के लिए पुराना बिल्डिंग भी ढहा दिया गया, जिसकी वजह से कोर्ट का कामकाज प्रभावित हो रहा है. उन्होंने आगे बताया कि सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के सदस्यों ने आज से तीन दिवसीय सीज वर्क का निर्णय लिया है. यह आंदोलन सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलीटन कोर्ट के उपभोक्ता अदालत सहित सभी अदालतों में जारी रहेगा. उनका कहना था कि सिलीगुड़ी शहर को मेट्रोपॉलीटन शहर का दरजा दे दिया गया और पुलिस कमिश्नरेट का भी गठन किया गया, लेकिन अदालती कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए यहां मेट्रोपॉलीटन कोर्ट की बहाली नहीं की गयी.

भक्तिनगर थानांतर्गत जो केस चलते हैं, इसके लिए अभी भी लोगों को 40 किलोमीटर दूर जलपाईगुड़ी का चक्कर काटना पड़ता है. श्री दे ने आगे कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से लेकर राज्य के कानून मंत्री तथा उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव से कई बार इस बिल्डिंग को बनाने की गुहार लगायी गयी है, परंतु इसका कोई लाभी नहीं हुआ. उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से भी हस्तक्षेप की मांग की है. उनका कहना था कि आने वाले सोमवार को बार एसोसिएशन की इस मुद्दे पर एक रिव्यू मीटिंग होगी और उसके बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी. संवाददाता सम्मेलन में बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल के कार्यकारी अध्यक्ष अरुण सरकार, सहायक सचिव युसूफ अली आदि भी उपस्थित थे.

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